Hindi, asked by pritam763147, 10 months ago

जनता ? हाँ, मिट्टी की अबोध मूरतें वही,
जाड़े-पाले की कसक सदा सहनेवाली,
जब अंग-अंग में लगे साँप हो चूस रहे,
तब भी न कभी मुँह खोल दर्द कहने वाली
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Answered by r725235
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Answer:

kya karna hai is passage ka

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