जर्मनी के एकीकरण में बिस्मार्क का योगदान लिखिए।
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Answer:बिस्मार्क ‘रक्त और लोहे की नीति' का समर्थक था। उसकी रुचि लोकतंत्र ओर संसदीय पद्धति में नहीं थी। वह सेना और राजनीति के कार्य में विशेष रुचि रखता था। इन्हीं पर आश्रित हो, वह अपने उद्देश्यों को प्राप्त करना चाहता था। वह प्रशा को सैनिक दृष्टि से मजबूत कर यूरोप की राजनीति में उसके वर्चस्व को कायम करना चाहता था। वह आस्ट्रिया को जर्मन संघ से निकाल बाहर कर प्रशा के नेतृत्व में जर्मनी का एकीकरण करना चाहता था। वह सभाओं और भाषणों में विश्वास नहीं करता था। वह सेना और शस्त्र द्वारा देश की समस्याओं का सुलझाना चाहता था। वह अवैधानिक कार्य करने से भी नहीं हिचकता था।
प्रशा की सैनिक शक्ति में वृद्धि कर तथा कूटनीति का सहारा लेकर उसने जर्मन राज्यों के एकीकरण के कार्य को पूरा किया। इस कार्य को पूरा करने के लिए उसने तीन प्रमुख युद्ध लड़े। इन सभी युद्धों में सफल होकर उसने जर्मन-राज्यों के एकीकरण के कार्य को पूरा किया। इससे यूरोपीय इतिहास का स्वरूप ही बदल गया।