जय शंकर प्रसाद की कविता में राष्टीय चेतना के स्वरूप का उद्घाटन कीजिए
Answers
Answered by
0
प्रसाद जी को छायावाद का प्रवर्तक कहा जाता है। छायावाद को नवजागरण की अभिव्यक्ति कहा जाता है। इस नवजागरण के पीछे राष्ट्रीय सांस्कृतिक चेतना सक्रिय थी। ... प्रसाद जी के काव्य में हमें नवीन भावबोध के साथ स्वाधीनता की चेतना, सूक्ष्म कल्पना, लाक्षणिकता, नए प्रकार का सादृश्य-विधान, नया सौंदर्य बोध आदि के दर्शन होते हैं।
Similar questions
Social Sciences,
1 month ago
Business Studies,
1 month ago
History,
2 months ago
Math,
8 months ago
Math,
8 months ago