Hindi, asked by gauravjaiswal67, 3 months ago

जयपा
• गद्य आकलन - प्रश्ननिर्मिति :
निम्नलिखित परिच्छेद पढ़कर ऐसे चार प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके उत्तर परिच्छेद में एक-एक वाक्य
में हों:
यदि हम विश्व के भूतकालीन साहित्य को खोजें और भविष्य में होने वाले साहित्य का भी मंथन करने के
लिए तैयार रहें, तो भी हमें सीताजी के समान अन्य आदर्श कहीं प्राप्त नहीं होगा। सीताजी का चरित्र अद्भुत
एवं रम्य है। सीताजी के जीवन-चरित्र का उद्भव विश्व-इतिहास की वह घटना है, जिसकी पुनरावृत्ति
असंभव है। यह संभव है कि विश्व में अनेक राम का जन्म हो, परंतु दूसरी सीता कल्पनातीत है। सीताजी
भारतीय नारीत्व की उज्ज्वल प्रतीक हैं। पूर्ण विकसित नारीत्व के सभी भारतीय आदर्शों का मूल उद्गम
एकमात्र सीता-चरित्र है। आज सहस्रों वर्षों के उपरांत भी भगवती सीता काश्मीर से कन्याकुमारी तक और
कच्छ से कामरूप तक, क्या पुरुष, क्या स्त्री और क्या बालक-बालिका, सभी की आराध्यदेवी बनी हुई
हैं। पवित्रता से भी अधिक पवित्र, धैर्य और सहनशीलता की साक्षात प्रतिमा सीता सदा-सर्वदा इस पद पर
आसीन रहेंगी।​

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Answered by saanvibs
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You are mad it is not a waste
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