jeevan mai haasya ka mahatva....i want hindi essay on this topic...
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जीवन में हास्य का महत्व | jeevan mein hasya ka mahtav | importance of humor in life
हिंदी साहित्य में नव रस माने गये हैं| हास्य रस उनमें से एक है| हास्य एक ऐसी पूँजी है जो हंसने वाले को तो स्वस्थ बनाती ही है, आस-पास वालों को भी मालामाल कर देती है| हास्य रस का आनंद लेने के लिए आवश्यक है कि आपके आस-पास सकारात्मक उर्जा वाले लोग हो जो सर्वदा माहौल को खुशनुमा बनाये रखे| आज के आपाधापी के युग में इतना समय किसी के पास नहीं कि वो ऐसे मित्र खोजने जाये| तो हमारे पास हास्य रस के कवि, चार्ली चैपलिन, मिस्टर बीन सरीखे किरदार , पुस्तकें और इंटरनेट पर मनोरंजक सामग्री सुलभ है| वर्तमान में अधिकांश लोग तनाव व अनिद्रा से पीड़ित है | ये लक्षण आगे चलकर रक्तचाप, मधुमेह, एसिडिटी जैसी बीमारियों में बदल जाते है| अत: अगर किसी को स्वस्थ रहना है तो मुफ्त का इलाज है हँसते रहिये| परिस्थितियाँ तो अस्थायी है पर हमें अपनी हंसी स्थाई रखनी चाहिए| ये रामबाण और अचूक उपचार है| आजकल ऐसे क्लब भी प्रचलन में हैं जहा हंसी को थेरेपी के रूप में इस्तेमाल करके लोगों को सकारात्मक जीवन जीने का संदेश दिया जाता है| हंसने से मुख की मांसपेशियों का व्यायाम होता है| रक्त संचरण सामान्य रहता है| पशु- पक्षी तक भी अपने हाव-भाव से अपनी ख़ुशी प्रकट कर देते है| मोर का नृत्य तो प्रसिद्ध है| चौपाये मालिक को चाटकर, कुत्ते पावों में लोटकर अपनी हंसी अभिव्यक्त करते है| हम इंसानों की एक मुसकराहट सामने वाले को बता देती है कि हम घर पर है अर्थात हम आत्मनियंत्रित है| ज्यादातर फ़िल्में हास्य कलाकारों के बिना अपूर्ण सी लगती है| पूर्व में संस्कृत और हिंदी के नाटकों में विदूषक की उपस्थिति अनिवार्य होती थी| चाचा चौधरी, तेनाली रामा, बिल्लू, पिंकी जैसे हास्य चरित्र किसी समय में किशोरों की पहली पसंद थे| अत: सार रूप में कह सकते है कि हंसने का माध्यम कोई भी क्यों न हो हमें हर स्थिति में हँसने को प्राथमिकता देनी चाहिए ताकि हम तनाव भगाकर सर्वप्रिय बन सके| जीवन में हास्य का वही महत्व है जो भोजन में नमक का है|
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दुनिया में बहुत तरह के लोग रहते हैं जिनका रहन-सहन, खानपान, पहनावा, विचार और जीवन को जीने का तरीका अलग-अलग होता है लेकिन इसके बावजूद हर इंसान एक दूसरे से मुस्कान के जरिए जुड़ा रहता है। ये मुस्कान और हंसने-हंसाने की प्रवृत्ति ही दो अनजान लोगों को करीब लाती है और दो परिचितों के बीच की दूरियों को मिटाती है। भले ही हर देश और प्रान्त के लोगों की भाषा और समझ अलग-अलग हो लेकिन हंसी और मुस्कुराहट की भाषा सब के लिए एक ही होती है जिसे इस देश का नागरिक भी समझ सकता है और दूसरे देश से आया कोई सैलानी भी। जीवन में हास्य का बहुत महत्व है। आज के तनावपूर्ण जीवन में हास्य का विशेष महत्व है।
हंसना अपने आप में एक गुण है जो सभी विपरीत परिस्थितियों को नजरअंदाज करने खुश रहने और आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। हर हाल में खुश रहने और हंसने-हंसाने वाले लोगों को सभी पसंद करते हैं और उनके नजदीक रहना चाहते हैं। हंसने की इसी कला के कारण इंसान स्वस्थ बना रहता है क्योंकि परेशानियों को कम समझना और जीवन की छोटी-छोटी खुशियों को जी भर के जीना ही अच्छी सेहत की निशानी है।
यूँ तो हंसना-मुस्कुराना किसी दौर का मोहताज नहीं होता है लेकिन पहले की तुलना में आज हंसने की प्रवृत्ति में बहुत गिरावट जरूर आयी है जिसका कारण कहीं ना कहीं अस्त-व्यस्त जीवनशैली, भागती दिनचर्या और तनाव से भरे दिन-रात हैं जो व्यक्ति को अच्छी नींद और सुकून भरे दिनों से दूर कर देते हैं जिसकी वजह से इंसान ने सहज रहना ही छोड़ दिया है और जो सहज नहीं है उसके लिए हंसना भी संभव नहीं है। ऐसे व्यक्ति का जीवन केवल तनाव से भरा हुआ और बोझिल होता है जिसमें खुश रहने और हंसने का कोई महत्त्व नहीं रह जाता।
उम्र भले ही कोई भी हो, हर किसी को हंसने की चाहत होती है और आजकल तो लाफ्टर थेरेपी के जरिये कई बीमारियों का इलाज भी किया जाता है।
सच ही है, लाफ्टर एक थेरेपी ही तो है जो आपकी सारी बीमारियों रूपी तकलीफों को छोटा कर देती है और जीवन को ख़ुशी से जीने की चाहत को बहुत बड़ा बना देती है इसलिए हंसने और हंसाने के लिए किसी हास्य कैंप में जाने का इंतजार मत करिये, बल्कि अपने अंदर छुपे हास्य रस को बाहर निकालिये और खुल कर हँसिये और फिर देखिये आपकी मौजूदा तकलीफें कैसे काफूर हो जाती हैं और आपकी लाइफ में खुशियां कितनी तेजी से दौड़ी चली आती हैं।
उम्मीद है कि ये जानकारी आपको पसंद आयी होगी और आपको हंसने-मुस्कुराने और खुश रहने के लिए प्रेरित भी कर सकेगी।