Hindi, asked by ganeshramsahu964, 4 hours ago

झोपड़े के द्वार पर बाप और बेटा दोनों एक बुझे हुए अलाव के सामने चुपचाप बैठे हुए थे और अन्दर बेटे की जवान बौबी बुधिया प्रसव - वेदना से पछाड़ खा रही थी । रह रहकर उसके मुंह से ऐसी दिल हिला देने वाली आवाज निकलती थी कि दोनों कलेजा थाम लेते थे । " इस गद्यांश का संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए।​

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Answered by rajkumardangi086
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Answer:

the number of the Constitution of India and I will be added to

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