झम-झम-झम-झम मेघ बरसते हैं सावन के, छम-छम-छम गिरती बूंदें तरुओं से छन के । चम-चम बिजली चमक रही रे उर में घन के, थम-थम दिन के तम में सपने जगते मन के
1)तरुओं से बूंदें कैसे गिरती हैं ?
Answers
Answered by
1
छम छम गिरती बूंदें तरुओं
Similar questions