Hindi, asked by rugvedyenorkar26, 9 months ago

Jhansi Ki Rani Ki Shiksha​

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Answered by Anonymous
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रानी लक्ष्मीबाई (जन्म: 19 नवम्बर 1828[1] – मृत्यु: 18 जून 1858) मराठा शासित झाँसी राज्य की रानी और [[१८५७ की द्वितीय शहीद वीरांगना (प्रथम शहीद वीरांगना रानी अवन्ति बाई लोधी 20 मार्च 1858 हैं) भारतीय स्वतंत्रता संग्राम 1857 के भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम]] की वीरांगना थीं। उन्होंने सिर्फ़ 29 साल की उम्र में अंग्रेज़ साम्राज्य की सेना से जद्दोजहद की और रणभूमि में वे वीरगति को प्राप्त हुईं।

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Answered by DreamBoy786
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Answer:

Explanation:

भूमिका : हमारे भारत के लिए यह बहुत ही गर्व की बात है कि रानी लक्ष्मी बाई का जन्म हमारे भारत में हुआ था। भारतीय वसुंधरा को गौरंवान्वित करने वाली झाँसी की रानी वीरांगना लक्ष्मीबाई वास्तविक अर्थों में ही आदर्श वीरांगना थीं। जो एक सच्चा वीर होता है वो कभी भी विपत्तियों से घबराता नहीं है।

एक सच्चे वीर को प्रलोभन कभी-भी उसके कर्तव्य पालन से विमुख नहीं कर सकते। एक सच्चे वीर का लक्ष्य उदार और उच्च होता है। एक सच्चे वीर का चरित्र अनुकरणीय होता है। अपने पवित्र उद्देश्य की प्राप्ति के लिए वह हमेशा आत्मविश्वासी, कर्तव्य परायण, स्वाभिमानी और धर्मनिष्ठ होता है। भारत के उन वीरों में से एक हमारी वीरांगना लक्ष्मीबाई भी थीं।

रानी लक्ष्मीबाई का जन्म : हमारे भारत की विरंग्नी लक्ष्मीबाई का जन्म 19 नवंबर, 1828 को काशी में हुआ था। इनके पिता का नाम मोरोपंत ताम्बे था और माता का नाम भागीरथी बाई था। इनके पिता मोरोपंत ताम्बे चिकनाजी अप्पा के आश्रित थे। महारानी लक्ष्मीबाई के पितामाह बलवंत राव बाजीराव पेशवा की सेना में सेनानायक थे।

इसी वजह से ही मरोपंत पर भी पेशवा की कृपा रहने लगी थी। रानी लक्ष्मीबाई का नाम मनिकर्णिका था लेकिन रानी लक्ष्मी बाई को बचपन से मनुबाई के नाम से पुकारा जाता था। इनके पिता महाराष्ट्रियन ब्राह्मण थे। इनकी माता एक सुसंस्कृत, बुद्धिमान और धर्म में विश्वास रखने वाली महिला थीं।

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