History, asked by sanjana880, 10 months ago

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JU पाप्त होते हुए भी बाबा भारती सामान्य मनुष्यों से भिन्न थे।।।।
कल्पना कीजिए कि घोड़ा खोकर पाने से बाबा भारती के मन में और घोड़ा पाकर खोने से खडगसिंह के मन
। में क्या-क्या भाव उठे होंगे?
9. इस कहानी में किसकी जीत हुई और किसकी हार? कारण देते हुए उत्तर दीजिए।
10. भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) माँ को अपने बेटे और किसान को अपने लहलहाते खेत देखकर जो आनंद आता है, वही आनंद बाबा
भारती को अपना घोड़ा देखकर आता था। भगवद् भजन से जो समय बचता, वह घोडे को अर्पण हो
जाता। वह घोड़ा बड़ा सुंदर था, बड़ा बलवान। उसके जोड़ का घोड़ा सारे इलाके में न था। बाबा भारती
उसे 'सुलतान' कहकर पुकारते, अपने हाथ से खरहरा करते, खुद दाना खिलाते और देख-देखकर
प्रसन्न होते थे।
(ख) बाबाजी भी मनुष्य ही थे। अपनी वस्तु की प्रशंसा दूसरे के मुख से सुनने के लिए उनका हृदय अधीर हो
गया। घोड़े को खोलकर बाहर गए। घोड़ा वायु वेग से उड़ने लगा। उसकी चाल देखकर खड्गसिंह के
हृदय पर साँप लोट गया। वह डाकू था और जो वस्तु उसे पसंद आ जाए, उस पर वह अपना अधिकार
समझता था। उसके पास बाहुबल था और आदमी थे।
| 1. दिए गए गद्यांशों को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखो-
| (G) रात्रि का तीसरा पहर बीत चुका था। चौथा पहर आरंभ होते ही बाबा भारती ने अपनी कुटिया से बा
निकल ठंडे जल से स्नान किया। उसके पश्चात् इस प्रकार जैसे कोई स्वप्न में चल रहा हो, उनके

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Answered by mzunaid
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