Hindi, asked by Kanthabasavaraj4334, 3 days ago

क) 26 जनवरी 2022 को आपके विद्यालय मेंगणत्रतं दिवस मनाया गया | इस सदं र्भ के आयोजन का सक्षिं क्षिप्त प्रति वेदन लिखिए ?

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Answered by shinepoonam16
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गणतंत्र दिवस पर भाषण 2022 : – 26 जनवरी 1950 को हमारे देश का सविधान लागू किया गया था। तब से प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत में हर सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों में बड़े उत्साह के साथ गणतंत्र दिवस को सेलेब्रेट किया जाता है। भारत के इतिहास में Republic Day का एक खास महत्व है क्योकिं भारतीय स्वतंत्रता से जुड़ी सभी संघर्षों के बारे में गणतंत्र दिवस में बताया जाता है। गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में स्कूलों और कॉलेजों में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। आज हम आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से 26 जनवरी पर भाषण संबंधित सभी जानकारी प्रदान करेंगे। अगर आप भी रिपब्लिक डे के दिन भाषण प्रतियोगिताओं में भाग लेते है तो आप हमारे इस लेख के माध्यम से दी गयी जानकारी के अनुसार गणतंत्र दिवस भाषण को प्राप्त कर सकते है।26 जनवरी 1950 को लार्ड माउन्ट बेटन (गवर्नर जरनल) के स्थान पर डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जी को भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था। भारत वर्ष में यह दिवस बड़ी उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है हर साल भारत की राजधानी दिल्ली में भारत के उपराष्ट्रपति के जी के द्वारा राजकीय सवारी निकाली जाती है। और भारतीय सेना जल थल और वायु सेना की राष्ट्पति जी के द्वारा सलामी ली जाती है। भारत के अनेक प्रांतो के लोकनिर्त्य और वेषभूषाओं और संस्कृति का प्रदर्शन किया जाता है। यह देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए लड़े युद्ध वा स्वतंत्रता आंदोलन में देश के लिए बलिदान देने वाले शहीदों के बलिदान का स्मारक है। कई वर्षों तक भारत के स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा ब्रिटिश शासन का सामना किया गया। जिसके फलस्वरूप देश को उनके चंगुल से आजाद कराया गया उनके इस बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता है।दोस्तों 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में हर वर्ष इसलिए मनाया जाता है क्योंकि, इसी दिन भारत सरकार अधिनियम(एक्ट) 1935 को हमारे देश से हटाकर 26 जनवरी 1950 को देश का संविद्धान लागू करने का दिन चुना गया और यह दिवस हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा, हमे गर्व है की हम सभी इस गणतांत्रिक देश के निवासी हैं, जिसे सरल शब्दों में प्रजातंत्र, लोकतंत्र या जनतंत्र भी कहा जाता है, यानी भारत देश में हुकूमत की बागडोर केवल उसी के हाथो में सौंपी जाती है जिसे चुनने का पूर्णता: हक केवल प्रजा के पास होता है, प्रजा का कर्त्तव्य है की संविधान में दिए कर्तव्यों का पालन करते हुए और अपने अधिकारों की रक्षा हेतु वह एक ऐसे प्रतिनिधि का चुनाव करे जो प्रजा हित में निर्णय ले और संविधान में जरुरी संशोधन कर उसे वर्तमान समय के अनुरूप बनाये और सदैव ही देश की सेवा को अपनी प्रथमिकता दे।

हमारे देश में हर वर्ष गणतंत्र दिवस के रूप में हर वर्ष इसलिए मनाया जाता है क्योंकि, इसी दिन भारत सरकार अधिनियम(एक्ट) 1935 को हमारे देश से हटाकर 26 जनवरी 1950 को देश का संविद्धान लागू करने का दिन चुना गया और यह दिवस हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा, हमे गर्व है की हम सभी इस गणतांत्रिक देश के निवासी हैं, जिसे सरल शब्दों में प्रजातंत्र, लोकतंत्र या जनतंत्र भी कहा जाता है, यानी भारत देश में हुकूमत की बागडोर केवल उसी के हाथो में सौंपी जाती है जिसे चुनने का पूर्णता: हक केवल प्रजा के पास होता है, प्रजा का कर्त्तव्य है की संविधान में दिए कर्तव्यों का पालन करते हुए और अपने अधिकारों की रक्षा हेतु वह एक ऐसे प्रतिनिधि का चुनाव करे जो प्रजा हित में निर्णय ले और संविधान में जरुरी संशोधन कर उसे वर्तमान समय के अनुरूप बनाये और सदैव ही देश की सेवा को अपनी प्रथमिकता दे।

हमारे देश में हर वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह को बड़ी ही धूम-धाम से पूरे देशवासियों द्वारा बिना किसी भेद-भाव के मनाया जाता है, आयोजन समारोह में हर वर्ष मुख्य अतिथि को भी आमंत्रित किया जाता है, गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रधान मंत्री, राष्ट्रपति, नेता व देश के सभी नागरिक दिल्ली के इंडिया गेट में हो रहे आयोजन समारोह को देखने हेतु शामिल होते है, इस अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा अमर जवान ज्योति पर पुष्प चढ़ाकर देश के सभी वीर सपूतों के बलिदानों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है, जिसके बाद राष्ट्रपति द्वारा तिरंगे को फहराया जाता और सम्हरो की शुरुआत की जाती है, जिसमे देश की तीनो सेनाएँ परेड में भाग लेती, और पूरे जोश के साथ सेना की वीरता का प्रदर्शन करती है, साथ ही परेड में देश के विभ्भिन राज्यों की झाकियाँ भी निकाली जाती है, जिसमे सभी राज्य के कलाकर अपनी-अपनी कला का प्रदर्शन कर अपने राज्यों की सुंदरता व कौशलता को दर्शाने हेतु लोकगीत, नृत्य व देश के भिन्न-भिन्न

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