के
(4)
1 निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए
"मियाँ नसीरूद्दीन ने आँखों के कंचे हम पर फेंक दिए। फिर तररेकर बोल- 'क्या मतलब है? पूछिए
साहब- नानबाई इल्म लेने कहीं और जाएगा? क्या नगीनासाज़ के पास? क्या आईनास के पास?
क्या मीना साज़ के पास? या रफूगर, रंगरेज या तेली-तंबोली से सीखने जाएगा? क्या फरमा दिया
साहब यह तो हमारा खानदानी पेशा ठहरा । हाँ, इल्म की बात पूछिए तो जो कुछ भी सीखा, अपने
वालिद उस्ताद से ही। मतलब यह कि हम घर से न निकले कि कोई पेशा आख्तियार करेंगे। जो
बाप-दादा का हुनर था वही उनसे पाया और वालिद मरइम के उठ जाने पर आ बैठे उन्हीं के ठीये
पर।"
(क) नसीरूद्दीन के खानदान का पेशा क्या था? उसने अपनी लिएआजीविका के कौन-सा धंधा
अपनाया?
(ख) नसीरूद्दीन ने नानबाई का धंधा किससे सीखा? कक
(ग) उक्त गद्यांश के आधार पर कुछ खानदानी धंधों के नाम गिनाइये।
जीजा
BF2
NNN
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