Hindi, asked by omeguuuu, 9 months ago

क) आपने 'उनको प्रणाम' कविता पढ़ी। किसी प्रासंगिक घटना का उदाहरण देकर इस कविता का मूल
संदेश व्यक्त करें।

Answers

Answered by prakashsserive
36

इस कविता से हमारे स्वास्थ्य अच्छा रहता है

Answered by bhatiamona
84

“उनको प्रणाम” कविता कवि ‘नागार्जुन’ द्वारा लिखी गई कविता है। इस कविता का मूल भाव आदर और सम्मान है। कर्मठ, मेहनती और प्रयत्नशील लोगों के लिये आदर सम्मान प्रकट करना है।

कवि ने यह कविता ऐसे लोगों के लिए समर्पित की है जिन्होंने साधनहीन और सुविधाहीन होते हुए भी बड़े बड़े लक्ष्यों को पाने के लिए अपना तन-मन-धन सब कुछ लगा दिया। जीवन में बहुत से ऐसे लोग होते हैं, जिन्होंने अपने भरपूर साहस और हौसले के साथ अथक प्रयास और संघर्ष किए थे, लेकिन किसी कारणवश वह अपने लक्ष्य को पा नहीं सके। पर ऐसे लोग प्रणाम करने योग्य हैं कि कम से कम उन्होंने प्रयास तो किया।

ऐसे लोग भी हुए हैं जो बेहद ईमानदार, मेहनती और कर्मशील थे और सदैव उत्साह से भर कर जीवन पर्यंत काम करते रहे और यह आवश्यक भी नहीं की हर कोई जन सुविधा संपन्न या धनवान ही हो। बहुत सारे लोग इस संसार में ऐसे भी होते हैं जिन्हें छोटी-छोटी सुविधा भी नहीं मिल पाती थी।

अभावों में रहते हुए भी ऐसे लोग किसी से शिकायत नहीं करते। किसी के आगे हाथ नहीं फैलाते बल्कि अपने लक्ष्य को पाने के लिए निरंतर गतिशील रहते हैं और लोग अपनी संघर्ष और ईमानदारी से अपने लक्ष्य को पा ही लेते हैं। कुछ कारणों में हो सकता है वह अपने हमेशा सफल नहीं हो पाते लेकिन उनकी जिजीविषा और उनकी इच्छा शक्ति प्रणान करने करने योग्य है।

कवि ऐसे लोगों को प्रणाम करता है, जो हमेशा प्रयत्नशील रहते हैं। कवि ने यह कविता  भारत के स्वाधीनता संग्राम में लगे देशभक्तों को भी समर्पित की है, जिन्होंने भारत की स्वाधीनता के लिए अपने जीवन की आहुति दे दी और खुशी-खुशी फांसी के फंदे पर भी झूल गए। वे आजादी रूपी लक्ष्य को पाने से पहले ही इस संसार से विदा हो गए।

कवि कभी ना हार मानने वाले लोगों के लिए यह कविता समर्पित करता है, और उनको प्रणाम करता है।

संदेश:

हमें जीवन में हमेशा मेहनत , ईमानदारी का रास्ता अपनाना चाहिए |

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