के आधार पर कहानी लिखकर शीर्षक एवं बोध लिखिए :
भारतीय युवक-सेना में भती-युद्ध में जाना- दुश्मन की तोपों का मंह बंद करना आवश्यक- युवक क
निश्चय-उसका आग उगलती तोपों तक पहुँच जाना - सफलता मिलना, किंत वीरगति प्राप्त करना - मरणापरान
सम्मान-बोध-शीर्षक।
roid लिरिवा
Answers
दिए गए संकेतों के आधार पर कहानी प्रस्तुत है...
सैनिक का बलिदान
कानपुर शहर में एक युवक रहता था। वह अपनी माता-पिता की इकलौती संतान था। माता-पिता द्वारा दिए गए संस्कारों के कारण बचपन से ही युवक देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत था। उसके पिता स्वयं एक सैनिक रह चुके थे, इसके कारण उसके घर का वातावरण देश भक्ति वाला था।
वह युवक अपने देश के लिये कुछ करना चाहता था और सेना में भर्ती होकर अपने देश की सेवा करना चाहता था। शीघ्र ही उसे सेना में भर्ती होने का अवसर मिल गया। उसकी सेना में नियुक्ति होने के 6 महीने बाद ही दुश्मन देश से युद्ध छिड़ गया। ऐसे में युवक को युद्ध के मोर्चे पर जाना पड़ा। वह वीरता पूर्वक दुश्मनों से लड़ा।
युवक जहाँ पर अपनी बटालियन से साथ दुश्मन से लड़ रहा था वो एक दुर्गम पहाड़ी इलाका था। वो और उसके साथी सैनिक दुश्मन से कड़ा मुकाबला कर रहे थे। एक समय ऐसा आ गया कि उनके पास गोला-बारूद और अन्य जरूरी सामग्री खत्म होने लगी। सेना की तरफ से सहायता आने में देर थी, उधर दुश्मन की दो तोपें निरंतर आग उगल रहीं थीं और उनके खेमे कहर बरपा रही थी। दुश्मन अपनी तोपों के द्वारा हावी हो रहा था इससे पहले ही स्थिति और ज्यादा गंभीर होती. युवक ने दुश्मन की तोपों को नष्ट करने का निश्चय किया।
युवक ने सोच समझकर विचार किया कि यदि दुश्मन की तोपों को किसी तरह नष्ट कर दिया जाये तो दुश्मन थोड़ा कमजोर पड़ जायेगा, तब तक भारतीय सैनिकों को संभलने का अवसर मिल जाएगा और उन तक पर्याप्त सहायता भी पहुंच जाएगी। इसलिए बिना डरे किसी तरह छुपते-छुपाते दुश्मन क्षेत्र में घुस गया और उसने दुश्मन पर हमला कर दिया। उसने अपने पास काफी बम छुपा रखे थे। अचानक हुए हमले के कारण दुश्मन सैनिक उसका सामना नहीं कर सके और युवक बम द्वारा दुश्मन की तोपों को उड़ा दिया, जिससे दुश्मन की तोपें नष्ट हो गईं और दुश्मने के अनेक सैनिक मारे गये। लेकिन अपने इस साहस भरे कार्य में युवक स्वयं वीरगति को प्राप्त हो गया। उधर दुश्मनों की तोपें नष्ट होने और काफी सैनिकों के मारे जाने से उसके खेमे में खलबली मच गई और दुश्मन कमजोर पड़ पीछे हट गया। तब तक भारतीय सैनिकों तक भी सेना से सहायता सामग्री पहुँच चुकी थी। जिससे भारतीय सैनिकों ने शीघ्र ही दुश्मन की चौकी पर कब्जा कर दुश्मन को भागने पर मजूबर दिया।
ये जीत उस युवक के बलिदान भरे साहसिक कार्य से ही मिली थी। युवक के इस वीरता भरे बलिदान के लिये उसे भारत के सर्वोच्च सैनिक सम्मान परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।
बोध : इस कहानी से हमें हमें अपने देश के लिये अपना सर्वस्व न्योछावर करने और तन-मन से देश की सेवा करने की प्रेरणा मिलती है।
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https://brainly.in/question/15041705
1) एक स्त्री - इकलौता बेटा - बहुत लाड़-प्यार से आदतें बिगड़ना – बुरी संगति - किताबों की चोरी – माँ का बढ़ावा – चोरी करने की आदत – लड़के का बड़ा होना – चोर बनना - जेल जाना - जेल जाते समय माँ से मिलने के लिए पुलिस से इजाजत माँगना – माँ को अपने जेल जाने का कारण बताना – बोध। (कहानी लिखिये)
https://brainly.in/question/12503271
निम्नलिखित मुद्दों के आधार पर कहानी लिखिए तथा उसे उचित शीर्षक देकर उससे प्राप्त होने वाली सीख भी लिखिए।
एक लड़की - विद्यालय में देरी से पहुँचना - शिक्षक द्वारा डाँटना - लड़की का मौन रहना- दूसरे दिन समाचार पढ़ना -लड़की को गौरवान्वित करना ।