Hindi, asked by badrinathkadam486, 3 months ago

कुछ लोग भाग्यवादी होते हैं और सब कुछ भाग्य के सहारे छोड़कर धर्म से विरत हो जाते हैं। ऐसे लोग समाज
के लिए बोझ है। वे कभी कोई बड़ा कर्म नहीं कर पाते । बड़ी-बड़ी खाजे, बड़े-बड़े निर्माण कार्य कर्मशील लोगों
द्वारा ही संभव हो सके है। हम अपनी बुद्धि और प्रतिभा तथा कार्यक्षमता के बल पर सही मार्ग पर चल सकते
है, किंतु बिना कठिन श्रम के अपने लक्ष्य तक नहीं पहुँच सकते । कठिन परिश्रम करने के बाद पाई गई सफलता
हमारे मन को अलौकिक आनंद से भर देती है। यदि हम अपने कार्य में अपेक्षित श्रम नहीं करते तो हमारा मन ग्लानि
का अनुभव करता है।
१) इस गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए?​

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Answered by syedirfan123
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