क) छोटे जादूगर का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए। chapter:-chota jadugar
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कार्निवाल के मैदान में बहुत ही अच्छा वातावरण है। वहाँ सब लोग खुशी से मेले का आनन्द उठा रहे हैं, लेकिन लेखक ने वहाँ एक छोटे-से लड़के को देखा जो चुपचाप खड़ा था और लालच भरी नजरों से दूसरों को शर्बत पीते हुए देख रहा था। लड़के की वेशभूषा और उसके चेहरे के भावों को लेखक ने देखा और उसकी ओर आकर्षित हो जाता है।कि एक दिन जब में अपने मित्रों के साथ कलकत्ता में एक बगीचे में झील के किनारे बैठा था उसी समय वहीं छोटा जादूगर दिखाई दिया। उसके हाथ में एक खादी का झोला, साफ जांघिया और आधी बाँहों का कुरता, सिर पर मैला रुमाल सूत की रस्सी से बँधा था । मस्त चाल से घूमता हुआ वहाँ आकर नमस्कार करके कहने लगा- “बाबू जी, आप कहें तो मैं खेल दिखाऊँ ।” लेखक कहता है कि जब में उस छोटे जादूगर के साथ उसकी माँ के पास झोंपड़ी में पहुँचा, तब वह जादूगर झोंपड़ी में ‘माँ-माँ की पुकार करते हुए, अपनी माँ से लिपटकर रोने लगा। मैं इस दृश्य को देखकर स्तब्ध रह गया, क्योंकि उसकी माँ चल बसी थी। अब सारा संसार ही जादू के समान प्रतीत हो रहा था।
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छोटा जादूगर एक तेरह-चौदह वर्ष का बालक था। उसकी दशा बहुत दयनीय थी। उसके परिवार में माता-पिता थे। पिता तो देश की खातिर जेल में चले गए थे।