क) छत्तीसगढ़ के बाल्मीकी कौन कहे जाते हैं ?
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क) छत्तीसगढ़ के बाल्मीकी कौन कहे जाते हैं ?
गोपाल प्रसाद मिश्र को 'छत्तीसगढ़ का वाल्मीकि' कहा जाता है।
व्याख्या :
गोपाल प्रसाद मिश्र 18 वीं शताब्दी में रतनपुर के राजा राज सिंह के दरबारी कवि थे उनकी प्रसिद्ध रचना का नाम 'खूब तमाशा' है। छत्तीसगढ़ शब्द का प्रयोग सबसे पहले प्रयोग करने वाले व्यक्तियों में से वह दलपतराव के बाद दूसरे व्यक्ति थे।
वह छत्तीसगढ़ के बाल्मीकि कहे जाते हैं, क्योंकि उनके द्वारा हिंदुत्व को आधार बनाकर रचित कई तरह के ग्रंथ हैं। उनके प्रसिद्ध ग्रंथों का नाम खूब तमाशा, सुदामा चरित, जैमिनी अश्वमेध, भक्ति चिंतामणि, रामप्रताप आदि उपलब्ध हैं।
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Answer:
गोपाल प्रसाद मिश्र
Explanation:
18वीं शताब्दी में गोपाल प्रसाद मिश्र रतनपुर के राजा राज सिंह के दरबारी कवि थे और उनकी प्रसिद्ध कृति 'खूब तमाशा' के नाम से जानी जाती है। वह दलपतराव के बाद छत्तीसगढ़ शब्द का प्रयोग करने वाले दूसरे व्यक्ति थे। उन्हें छत्तीसगढ़ के वाल्मीकि कहा जाता है क्योंकि उन्होंने कई तरह के हिंदुत्व से प्रेरित रचनाएं लिखी हैं। उनकी प्रसिद्ध रचनाओं में खुब तमाशा, सुदामा चरित, जैमिनी अश्वमेध, भक्ति चिंतामणि, रामप्रताप और अन्य शामिल हैं।
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