कागा काको धन हरै, कोयल काको देत।
मीठे बोल सुनाय के, जग अपना कर लेत।।
साधु ऐसा
ऐसा चाहिए, जैसा
सूप सुभाय।
सार-सार को गहि रहै, थोथा देइ उड़ाय।।
-कबीर
Answers
Answered by
3
Explanation:
कागा काको धन हरै, कोयल काको देत।
मीठे बोल सुनाय के, जग अपना कर लेत।।
साधु ऐसा
ऐसा चाहिए, जैसा
सूप सुभाय।
सार-सार को गहि रहै, थोथा देइ उड़ाय।।
-कबीर
Similar questions