कांग्रेस के प्रभुत्व का दौर समाप्त हो गया है I इसके बावजूद देश की राजनीति पर कांग्रेस का असर लगातार कायम है I क्या आप इस बात से सहमत हैं? आप उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए I
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कांग्रेस के प्रभुत्व का दौर समाप्त हो गया है I इसके बावजूद देश की राजनीति पर कांग्रेस का असर लगातार कायम है I
हाँ, मैं इस बात से सहमत हूँ। वर्तमान में कांग्रेस का प्रभुत्व इतिहास की अपेक्षा अत्यधिक कम है। इसके बावजूद, देश की राजनीति पर कांग्रेस का असर इसलिए हैं क्योंकि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी और सबसे अधिक समय तक शाशन करने वाला राजनैतिक दल है। यह भारत के राष्ट्रीय दलों में से एक है। देश के प्रथम प्रधानमंत्री को देने वाला राजनैतिक दल देश के सबसे लोकप्रिय राजनेताओं का भी गढ़ है।
गौरतलब यह है कि, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के समय कांग्रेस के प्रभुत्व को भुलाया नही जा सकता, जब कांग्रेस देश के सभी महत्वपूर्ण राज्यों में शाशन कर रही थी और जब कांग्रेस ने लोकसभा में 400 से अधिक सीटें प्राप्त की थी। ऐसा कीर्तिमान अब तक कोई भी दल नहीं तोड़ पाया है। साथ ही, देश की स्वतंत्रता में भी कांग्रेस पार्टी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
इन्हीं सब कारणों से, कांग्रेस का राजनीति पर असर हमेशा कायम रहा है।
1989 में कांग्रेस पार्टी की हार ने भारतीय पार्टी प्रणाली पर कांग्रेस के प्रभुत्व का अंत कर दिया। लेकिन कांग्रेस ने देश में राजनीति को प्रभावित करना जारी रखा: 1. कांग्रेस ने प्रदर्शन में सुधार किया और 1991 में मध्यावधि चुनाव के बाद सत्ता में वापस आई। 2. इसने संयुक्त मोर्चा सरकार का भी समर्थन किया। 3. 1996 में, लेफ्ट ने गैर-कांग्रेसी सरकार को समर्थन देना जारी रखा, लेकिन इस बार कांग्रेस ने इसका समर्थन किया क्योंकि कांग्रेस और लेफ्ट दोनों बीजेपी को सत्ता से बाहर रखना चाहते थे। 4. इस प्रकार, कांग्रेस एक महत्वपूर्ण पार्टी बनी रही और 1989 के बाद की अवधि के दौरान भी किसी भी अन्य पार्टी से अधिक देश पर शासन किया। लेकिन इसने पार्टी प्रणाली में पहले जिस तरह की केंद्रीयता का आनंद लिया, वह खो गई।