कांग्रेस पार्टी किन मसलों को लेकर 1969 में छूत
का शिकार हुई
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इंदिरा गांधी के नेतृत्व को लेकर कांग्रेस पार्टी के भीतर ... 1969 में कांग्रेस पार्टी में फूट पड़ गई और इससे दो नई ...
कांग्रेस पार्टी किन मसलों को लेकर 1969 में टूट का शिकार हुई?
कांग्रेस पार्टी के निम्नलिखित मसलों को लेकर 1969 में टूट की शिकार हुई थी...
राष्ट्रपति पद का चुनाव : 1969 के राष्ट्रपति पद के चुनाव में कांग्रेस ने नीलम संजीव रेड्डी को उम्मीदवार घोषित किया था। लेकिन इंदिरा गांधी के समर्थकों ने वीवी गिरी को स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति पद के लिए उतारा। यह कांग्रेस पार्टी में कलह का कारण बना।
इंदिरा गाँधी का कांग्रेस आलाकमान से विवाद : कांग्रेस के कुछ पुराने राजनेता उस समय राजनीति में नई-नई आई इंदिरा गांधी को राजनीति में अनुभवहीन मानते थे और वे उनके अंतर्गत काम नहीं करना चाहते थे। इसीलिए उन्होंने अपना एक अलग समूह बना लिया और किंग मेकर की भूमिका निभाने का करने लगे।
प्रधानमंत्री और अन्य मंत्री का विवाद : उस समय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मोरारजी देसाई के बीच कुछ नीतियों जैसे प्रिवी-पर्स को समाप्त करने और बैंकों के राष्ट्रीयकरण आदि के विषय पर मतभेद। यह कारण भी कांग्रेस में टूट का कारण बना। मोरारी देसाई जी ने अपना-अलग रास्ता अपना लिया।
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