Hindi, asked by vedansh61, 10 days ago

काहे री नलनीं तूं कुम्हिलानी,
तेरे ही नालि सरोवर पानी।
जल मैं उतपति जल मैं बास, जल मैं नलनी तोर निवास।
ना तलि तपति ना ऊपरि आगि, तोर हेतु कहु कासनि लागि।
कहै कबीर जे उदिक समान, ते नहीं मूए हमारे जान


(i) उपर्युक्त पद्यांश का सन्दर्भ लिखिए।
पद्यांश के कवि एवं पाठ का नाम लिखिए।
(ii) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।
(iii) कबीर ने जीवात्मा की तुलना किससे की है?
(iv) कबीर जीवात्मा को क्या कहते हैं?
(v) प्रस्तुत पद में कौन-सा अलंकार है?​

Answers

Answered by ashishsaini38175
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Explanation:

रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए

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