कोई अन्तरिक्षयान मंगल पर ठहरा हुआ है। इस अन्तरिक्षयान पर कितनी ऊर्जा खर्च की जाए कि इसे सौरमण्डल से बाहर धकेला जा सके। अन्तरिक्षयान का द्रव्यमान = 1000 kg: सूर्य का द्रव्यमान = 2 × kg: मंगल का द्रव्यमान =6.4 × kg; मंगल की त्रिज्या = 3395 km; मंगल की कक्षा की त्रिज्या = 2.28 × kg; तथा
G= 6.67 × l
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अन्तरिक्षयान पर - 6 × 10¹¹ J ऊर्जा खर्च की जाए तो इसे सौरमण्डल से बाहर धकेला जा सकेगा।
Explanation:
अंतरिक्ष यान का द्रव्यमान Ms= 1000 किग्रा
सूर्य का द्रव्यमान M = 2 × 10^30 किलो
मंगल का द्रव्यमान Mm = 6.4 x 10^23 किलो
मंगल की कक्षीय त्रिज्या R = 2.28 x 10 ^ 11 मीटर
मंगल का त्रिज्या r= 3395 किमी = 3.395 x 10^6 मी
सार्वभौमिक गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक G = 6.67 10 ^ -11 m²kg
सूर्य का गुरुत्वाकर्षण के कारण अंतरिक्ष यान की स्थितित ऊर्जा = -GMMs / R
मंगल के आकर्षण के कारण अंतरिक्ष यान की संभावित ऊर्जा = -GMm × Ms / r
चूंकि अंतरिक्ष यान स्थिर है इसलिए इसका वेग शून्य होना चाहिए अर्थात गतिज ऊर्जा नहीं होगी।
अंतरिक्ष यान की कुल ऊर्जा = -GMms/R - (-GMm ms/r)
= -Gms { M/R +(Mm/r )}
= -{6.67×10-¹¹×10³ (2×10^30/2.28×10¹¹ + 6.4×10²³/3.95×10^6) }
= - 6 × 10¹¹ J
इसलिए अन्तरिक्षयान पर - 6 × 10¹¹ J ऊर्जा खर्च की जाए तो इसे सौरमण्डल से बाहर धकेला जा सकेगा।
अंतरिक्ष यान में पानी के बुलबुलों का इधर-उधर उड़ने का मूल कारण।
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