कोई ना अपना सिवा तुम्हारे का क्या भाव है?
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तुम्ही हो साथी, तुम्ही सहारे, कोई न अपना सिवा तुम्हारे. कहने का भाव यह है कि ईश्वर एक ही है लेकिन वह कहते हैं कि सर्व सम्बंध एक मुझसे ही रख मुझे याद करो जिससे कि अंत समय पर तुम्हें मेरे सिवाय और कोई की याद न आए तो तब तुम मुझको प्राप्त हो जाओगे|
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