Physics, asked by katiekhiangte3770, 8 months ago

कोई धूमकेतु सूर्य की परिक्रमा अत्यधिक दीर्घवृत्तीय कक्षा में कर रहा है। क्या अपनी कक्षा में धूमकेतु की शुरू से अन्त तक (a) रैखिक चाल, (b) कोणीय चाल, (c) कोणीय संवेग, (d) गतिज ऊर्जा, (e) स्थितिज ऊर्जा (f) कुल ऊर्जा नियत रहती है। सूर्य के अति निकट आने पर धूमकेतु के द्रव्यमान में हास को नगण्य मानिये।

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Answered by Anonymous
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Answer:

please convert it into English.....^_^^_^:-D=_==_==_==_=(+_+)(+_+)(+_+)(+_+):-):-):-)

Answered by kaashifhaider
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धूमकेतु सूर्य की परिक्रमा अत्यधिक दीर्घवृत्तीय कक्षा में कर रहा तो कोणीय संवेग और कुल ऊर्जा एक जैसी रहेंगीं।

Explanation:

  1. नियमानुसार किसी तारे की परिक्रमा करने वाला धूमकेतु  एक जैसी  कोणीय संवेग होगी और उसकी कक्षा में कुल ऊर्जा  हमेशा एक जैसी रहेगी।
  2. इसके अतिरिक्त सभी अन्य पैमाने रेखिक चाल , कोणीय चाल , गतिज एवं स्थितिज ऊर्जा नियत नहीं रहतीं और समय के साथ बदलतीं रहतीं हैं।
  3. विकल्प  c, f सहीं हैं।

स्थितिज ऊर्जा की परिभाषा लिखिए।

https://brainly.in/question/15444185

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