काकी कहानी की शीर्षक व उद्देश्य की सार्थकता बतीते हुए लिखिए गुप्त जी बीलमनोविज्ञान को चित्रित करने में कहा तक सफल हुए है। अपने विचार प्रकट कीजिए।In this what we have to write for बीलमनोविज्ञान को चित्रित करने में कहा तक सफल हुए है।
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काकी कहानी शीर्षक की सार्थकता
किसी भी कहानी का शीर्षक उस कहानी के बारे में पाठकों को बताता है . कहानी के शीर्षक के इर्द - गिर्द ही पूरी कहानी घूमती है .इस दृष्टि से काकी कहानी सही साबित होती है .
कहानी के आरंभ से काकी के देहांत से कथा आरंभ होती है .काकी के शोक में श्यामू हमेशा डूबा रहता है ,वह दिन रात काकी के लिए रोता रहता है .वह हर -हाल में चाहता है की उसकी माँ काकी उसके पास आ जाएँ . काकी को पाने के लिए राम के पास पतंग भेजने ,उसके लिए पिता के जेब से पैसे चोरी करने ,पतंग ,रस्सी तथा पतंग पर काकी के नाम चिट लगाने से जिससे काकी अपना नाम पढ़ कर वापस आ जाए. यह सब बातें श्यामू के काकी प्रेम को ही दर्शित करता है . जब श्यामू के पिता ने उसे मारा और पतंग फाड़ डाली तो पतंग पर लिखा था - काकी . इन सब बातों से यही पता चलता है - यह कहानी आरंभ से लेकर अंत तक काकी के इर्द - गिर्द घूमती है . अतः काकी शीर्षक सार्थक व उचित है .
श्यामू का चरित्र चित्रण
श्यामू ५-६ साल का एक अबोध बालक जो प्रस्तुत कहानी का प्रमुख पात्र है . वह अपनी माँ को बहुत प्यार करता है . माँ के मर जाने के बाद वह हमेशा रोया करता है .रोना शांत हो जाने के बाद भी वह शोख में डूबा रहता है . आसमान में उडती पतंगों को देखर वह काकी के पास पतंग भेजना चाहता है ,जिस पर बैठ कर वह वापस श्यामू के पास आ जाय.
भावुक बालक - श्यामू अत्यंत भावुक बालक है . सबेरे जब श्यामू की नींद खुली तो उसने देखा की घर के लोग उसकी काकी को घेर कर बैठे थे और करुण श्वर में विलाप कर रहे हैं. जब लोग काकी को शमशान ले जाने लगे तो वह काकी को नहीं जाने देता .बड़ी कठिनाई से उसे रोका जा सका.
दृढ़ बालक - श्यामू बहुत दृढ़ता से काम लेता है . पतंग देखकर वह पतंग को आसमान में भेजकर काकी को नीचे उतरना चाहता है .इसके लिए पिता के जेब से पैसे चोरी करने पर भी नहीं डरता .वह अपने मित्र भोला से मिलकर योजना बनायीं ,रस्सी ,पतंग तथा काकी के नाम का चिट सभी चीजों का प्रबंध किया .
सीधा और सरल - श्यामू सीधा व सरल बच्चा है .यही कारण है कि वह काकी को वापस पाने के लिए पतंग का सहारा लेता है .काकी पतली डोर पर नहीं आ पाएंगी इसीलिए वह मोती रस्सी का इंतजाम करता है .काकी अपना नाम पढ़कर वापस आये ,इसीलिए वह काकी के नाम का चिट लगाकर भेजता है .
अतः उपयुक्त बातों से यह पता चलता है कि श्यामू एक नादान बालक है जो की अपनी माँ से बहुत प्रेम करता है और उन्हें हर हाल में पाना चाहता है .उसकी भोलापन ,नादानी पाठकों के मन में गहरा प्रभाव डालती है .
उत्तर :
काकी कहानी श्यामू की मां उमा और श्यामू के बीच प्रेम को दिखाने के लिए मनोवैज्ञानिक आधार लेकर लिखी गई है। श्यामू अपनी मां को काकी कहता था, काकी के चरित्र की प्रमुखता होने के कारण कहानी का शीर्षक काकी रखा गया है जो कि पूरी तरह सार्थक है।
व्याख्या:
"काकी" सियाराम शरण गुप्त द्वारा बाल मनोवैज्ञानिक आधार पर लिखी गई कहानी है। कहानी का मुख्य पात्र अबोध बालक श्यामू है जो कि अपनी मां उमा की मृत्यु के पश्चात इस वास्तविकता से परिचित नहीं हो पाता। वह काकी को राम के पास से वापस घर बुलाने के लिए पतंग पर काकी लिखकर आसमान में उड़ाने की योजना बनाता है। जिसके लिए वह अपने पिता की जेब से कुछ पैसे चोरी करता है। पूरी कहानी की पृष्ठभूमि श्यामू और उसकी काकी के प्रेम पर आधारित है। इस प्रकार कहानी का नामकरण काकी के रूप में करना पूरी तरह से सार्थक है। कहानी का प्रमुख उद्देश्य एक बालक के मनोविज्ञान और उसकी मां के प्रति प्रेम को दिखाना से बालपन की सरलता, भावुकता, संवेदनशीलता व अबोधता को पाठकों के समक्ष चित्रित करना है।
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