कॉलेज एनुअल फंक्शन के लिए निबंध
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पुरस्कार वितरण समारोह (मेरे विद्यालय का वार्षिकोत्सव) हर साल विद्यालय में मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण पर्व है। इस वर्ष वार्षिकोत्सव बड़ी धूमधाम एवं उल्लास के साथ मनाया गया। विद्यार्थियों के माता-पिता को भी इसके लिए आमंत्रित किया गया था। इस अवसर पर सालभर खेल व शिक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया था.
इस दिन सभी कक्षाएं पूरी तरह से साफ और खूबसूरती से सजाई गई थी, ब्लैकबोर्ड पर भी पॉलिश की गई थी।
इस साल पुरस्कार वितरण समारोह/विद्यालय का वार्षिकोत्सव 26 फरवरी को आयोजित किया गया था। जिला कलेक्टर मुख्य अतिथि थे। पूरे विद्यालय परिसर भवन को रंग रोगन कर दुल्हन की तरह सजाया गया। दीवारों पर फोटो और तस्वीरें लटकाने से इसकी रौनक कई गुना बढ़ गई, इस तरह से विद्यालय परिसर बिलकुल बदला बदला सा लग रहा था. कार्यक्रम आयोजन के मंच को भी अच्छी तरह से सजाया गया.
तय समय के अनुसार यह वार्षिक समारोह 5 बजे शुरू किया गया। मुख्य अतिथि ठीक 5 पहुचे. इनके आते ही हमारे प्रधानाचार्य ने मुख्य अतिथि का स्कूल के द्वार पर गर्मजोशी से स्वागत किया। स्कूल के बैंड ने संगीत बजाते हुए स्कूल के स्काउट्स ने उन्हें गार्ड ऑफ ओनर दिया। मुख्य अतिथि महोदय के द्वारा अपना स्थान ग्रहण करने के साथ ही विद्यालय का वार्षिकोत्सव विधिवत रूप से आरम्भ हुआ.
सरस्वती वंदना के साथ विद्यालय का वार्षिकोत्सव शुरू हुआ। फिर संगीत कार्यक्रम शुरू हुआ। वहां गाने, कबाली, गज़ल और भाषण कई विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत किये गये। इस दौरान एक छोटा सांस्कृतिक नाटक भी प्रस्तुत किया गया । [Annual Function Essay]
प्रिंसिपल महोदय ने विद्यालय की वार्षिक प्रगति रिपोर्ट के वाचन से सभी को सालभर के प्रदर्शन से अवगत करवाया । इसके बाद, मुख्य अतिथि ने छात्रों को पुरस्कार दिए। उन्होंने एक छोटा लेकिन प्रभावशाली भाषण दिया।
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भूमिका:
किसी भी विद्यालय का वार्षिकोत्सव उस विद्यालय के एक महत्त्वपूर्ण त्योहार (Important festival) के समान होता है । मेरे विद्यालय में वार्षिकत्सवभी प्रति वर्ष मनाया जाता है, जो केवल हमारे विद्यालय का ही नहीं बल्कि समूचे नगर (City) के आकर्षण का केंद्र (Centre of attraction) होता है ।
2. वर्णन:
इस बार हमारे विद्यालय के नये सत्र (New Session) के आरम्भ होते ही प्रधानाध्यापक (Headmaster), अध्यापकगण (Teachers) तथा स्कूल कैप्टेन की बैठक (Meeting) में यह प्रस्ताव (Proposal) पास किया गया कि इस बार का वार्षिकोत्सव काफी धूमधाम से मनाया जाए ।
इसके लिए दिन भी निश्चित किया गया । वार्षिकोत्सव की योजना (Plan) छात्रों और अध्यापकों ने मिलकर बनायी । योजना बनते ही तैयारियाँ भी शुरू हो गईं । छात्रों में से कुछ खास करतब (Magic) दिखाने वाले चुने गये । कई छात्रों को ‘मर्चेट ऑफ वेनिस’ के डायलॉग याद करने को दिया गया ।
कुछ छात्र-छात्राओं ने मिलकर नृत्य और संगीत का कार्यक्रम बनाया और अभ्यास में लग गए । कई छात्रों ने मंच-सज्जा (Stage Decoration) की तैयारी आरम्भ की । इसके अतिरिक्त कई अन्य भारतीय और पश्चिमी (Western) शैली के कार्यक्रम बनाये गए ।
एक माह की तैयारी के बाद निश्चित दिन को छात्र-छात्राओं के अभिभावक (Guardians) तथा नगर (City) के अनेक प्रतिष्ठित (Eminant) व्यक्ति आडिटोरियम में उपस्थित थे । मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षामंत्रीजी पधारे थे । स्वागतगान (Welcome song) के साथ मंच (Stage) का पर्दा उठा और शास्त्रीय नृत्य (Classical dance) के साथ कार्यक्रम का आरम्भ हुआ ।
इसके पश्चात् प्रधानाध्यापकजी ने विद्यालय की प्रगति (Development) का ब्यौरा (Statement) दिया और मंत्रीजी ने विद्यार्थियों के पिछले वर्ष की उपलब्धियों (Achievement) के लिए पुरस्कार (Prizes) प्रदान किये । इसके बाद शेष कार्यक्रम एक-एक कर मंच पर प्रस्तुत किये गये और हॉल तालियों की आवाज से गूँजता रहा ।
3. प्रेरणा:
वार्षिकोत्सव के अन्य दिनों में खेलकूद एवं वाद-विवाद प्रतियोगिताएँ भी हुईं, किन्तु सांस्कृतिक संध्या का प्रभाव दर्शकों के मन पर छाया रहा । हमारे विद्यालय के इन कार्यक्रमों को देखकर नगर के अन्य विद्यालय भी इस प्रकार का वार्षिकोत्सव आयोजित करने की योजना बना रहे हैं ।
4. उपसंहार:
हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव केवल आनन्ददायक ही नहीं बल्कि प्रेरणादायक (Inspiring) भी होता है । इससे छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के साथ जीवन के अन्य कार्यों को भी महत्त्वपूर्ण मानने की प्रेरणा मिलती है ।