कालिदारा की नाट्यकला का हिन्दी अथवा संस्कृत में उल्लेख कीजिए।
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भास संस्कृत साहित्य के प्रसिद्ध नाटककार थे जिनके जीवनकाल अधिक पता नहीं है। स्वप्नवासवदत्ता उनके द्वारा लिखित सबसे चर्चित नाटक है जिसमें एक राजा के अपने रानी के प्रति अविरहनीय प्रेम और पुनर्मिलन की कहानी है। कालिदास जो गुप्तकालीन समझे जाते हैं, ने भास का नाम अपने नाटक में लिया है, जिससे लगता है कि वो गुप्तकाल से पहले रहे होंगे पर इससे भी उनके जीवनकाल का अधिक ठोस प्रमाण नहीं मिलता। आज कई नाटकों में उनका नाम लेखक के रूप में उल्लिखित है पर १९१२ में त्रिवेंद्रम में गणपति शास्त्री ने नाटकों की लेखन शैली में समानता देखकर उन्हें भास-लिखित बताया। इससे पहले भास का नाम संस्कृत नाटककार के रूप में विस्मृत हो गया था।
महाकवि कालिदास संस्कृत साहित्य के उच्च कोटि के कवि हैं। महाकवि कालिदास ने तीन नाटक लिखे हैं मालविकाग्निमित्रम्, विक्रमोर्वशीयम्, अभिज्ञानशाकुंतलम्। महाकवि कालिदास के इन तीन नाटकों में अभिज्ञानशाकुंतलम् को सर्वश्रेष्ठ नाटक माना जाता है।
नाटक लिखने की शैली में महाकवि कालिदास के सदृश कोई कवि नहीं है। महाकवि कालिदास ने अपने नाटकों में सामान्य जीवन पद्धति से लेकर प्रकृति वर्णन का अनुपम सुंदर चित्रण किया है। नाटक अभिज्ञानशाकुंतलम् में प्रेम प्रसंग से लेकर सामान्य गृहस्थ जीवन के नियमों का सविस्तार वर्णन किया है।