किन अतुल साहसी बच्चों की,
दुनिया में नहीं मिसाल कहीं ?
"जीवित चुन गए भीत में वो ,
पर बदला अपना धर्म नहीं ।” किसने कहा
Answers
Answer:
tumhi na toh kaha abhi
Explanation:
so mark me as brainlist
वे अतुल साहसी बच्चे सिखों के दसवें एवं अंतिम गुरु ‘गुरु गोविंद सिंह जी’ के चार पुत्र थे। जिन्होंने मुगलों से बहादुरी पूर्वक लड़ते हुए अपना जीवन कुर्बान कर दिया, लेकिन धर्म परिवर्तन करवाना कबूल नहीं किया।
Explanation:
गुरु गोविंद सिंह जी के सबसे बड़े पुत्र अजीत सिंह थे जिनकी आयु मात्र 17 वर्ष थी। चमकौर के युद्ध में मुगलों से लड़ते हुए उन्होंने वीरतापूर्वक प्रदर्शन किया और अंत में वीरगति को प्राप्त हुए, उसके बाद उनके छोटे भाई जुझार सिंह जिनकी आयु केवल 14 वर्ष थी, उन्होंने बड़े भाई के बलिदान के बाद नेतृत्व संभाल लिया और वह भी बहहदुरी पूर्वक लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए।
इसी बीच गुरु गोविंद सिंह जी के दोनों छोटे पुत्रों जोरावर सिंह और फतेह सिंह जिनकी आयु क्रमशः 8 वर्ष और 5 वर्ष थी, दोनों को मुगलों ने बंदी बना लिया और मुगलों के सूबेदार सरहिंद के नवाब मीर खान ने उन्हें इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए जोर डाला, लेकिन दोनों नन्हें बालकों ने इस्लाम धर्म कबूल करने से मना कर दिया। तब वजीर खान ने उन दोनों नन्हें बालकों को जिंदा दीवार में चुनवा दिया।
इस तरह ‘गुरु गोविंद सिंह जी’ के चारों पुत्रों ने अपना जीवन तो बलिदान कर दिया लेकिन मुगलों के आगे झुके नही और ना ही जबरदस्ती इस्लाम कुबूल किया।