Hindi, asked by ratnasrinivaskummari, 5 hours ago

किन्हीं दो आभूषण लिखों​

Answers

Answered by Anonymous
0

Answer:

Saari and Suit

Hope it's help

Answered by saminashekh11
0

Answer:

आभूषण

रुहेलखण्ड क्षेत्र में स्रियों- पुरुषों व बच्चों द्वारा धारण किये जाने वाले आभूषणों का विवरण क्रमानुसार निम्नलिखित है :-

1. पुरुषों के आभूषण :-

पुरुषों के आभूषणों में व्यस्कों द्वारा गले में चेन, हाथों में अंगूठी ही मुख्य रुप से धारण की जाती हैं। बच्चों के बचपन के आभूषणों में कमर मे चाँदी की करधनी तथा हाथों में कलाइयों में कड़े या खढ़? ये ऊपरी न से बचाने के लिए धारण कराये जाते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में पुरुष भी हाथों में चाँदी के कड़े तथा गले में हसुली यदा- कदा धारण करते हैं, परंतु नगरीय क्षेत्रों में इस प्रकार के पारम्परिक आभूषण धारण नहीं किये जाते। यहाँ तो पुरुष हाथों की ऊँगलियों में सोने, चाँदी, तांबे की अंगूठी तथा गले में सोने, चाँदी की चेन ही आभूषणों के रुप में धारण करते हैं।

2. स्रियों के आभूषण :-

स्रियाँ प्रमुख रुप से अनेक प्रकार के आभूषण धारण करती हैं, जिनका क्रमवार अध्ययन अधोलिखित है :-

बच्चों- लड़कियों के आभूषण -

बंगली

क्षेत्र में लड़कियों द्वारा धारण किये जाने वाले प्रमुख आभूषणों में पैरों में, पायल अथवा जेवरी, हाथों में चूड़ियाँ या कंगन, में अंगूठी, कानों में कुण्डल तथा नाक में लौंग आदि प्रमुख होते हैं, जो स्वर्ण, रजत व गिलट द्वारा निर्मित होते हैं। ये आभूषण ग्रामीण क्षेत्र में लड़कियों द्वारा प्रमुखता से धारण किये जाते हैं, जबकि शहरों में लड़कियाँ किसी विशेष पर्व, उत्सव आदि में ही नाक में नथ या लौंग, कानों में कुण्डल व हाथों में कंगन धारण करती हैं। सामान्य रुप में नगरीय क्षेत्र में लड़कियाँ आभूषण धारण करने से परहेज ही रखती हैं, कानों में कुण्डल, टॉप्स आदि को छोड़कर।

विवाहित स्रियों के आभूषण -

नव विवाहिता स्री वेशभूषा

विवाहित स्रियाँ विशेष रुप से अनेक आभूषण धारण करती हैं। इनमें पर्व, त्योहार, उत्सव, शादी- विवाह के अवसरों पर तो इनके द्वारा धारण किये विविध वस्राभूषण देखते ही बनते हैं। विवाहित स्रियों द्वारा धारण किये जाने वाले आभूषणों में पैरों की ऊँगलियों में बिछिया, पैरों में पायल या जेवरी, कमर में करधनी, हाथों की ऊँगलियों में अनेक अंगूठियाँ, कलाई में चूड़ियाँ व कंगन, गले में हार, मंगलसूत्र, मटरमाला या चेन, कानों में कुण्डल या झुमकी, नाक में नथ या लौंग तथा माथे पर टीका आदि धारण करती है। उपरोक्त आभूषण विशेष अवसरों पर प्रमुखता से धारण किये जाते हैं।

स्रियों द्वारा सामान्य दिनों में माथे पर मंगलटीका तथा गले में हार को छोड़कर अन्य सभी उल्लिखित आभूषण धारण किये जाते हैं। यह आभूषण सोने, चाँदी तथा गिलट के होते हैं।

विधवा स्रियाँ अधिकांशतः आभूषण धारण नहीं करती हैं तथा पैरों में बिछिया, हाथों में चूड़ियाँ, गले में मंगलसूत्र तो उनके लिए निषेध होते हैं। फिर भी विधवा स्रियाँ पैरों में जेबरी, हाथों में कंगन या सादी एक- दो चूड़ी, हाथों की ऊँगलियों में अंगूठी, कानों में कुण्डल तथा नाक में लौंग व गले में सादा चेन धारण करती हैं।

क्षेत्र की स्रियों द्वारा धारण किये जाने वाले आभूषणों की सूची निम्नलिखित है --

आभूषणों के नाम निर्मित धातु (सोना,चाँदी,ताँबा) आभूषण धारण करने का स्थान / अंग

टीका / मंगलटीका स्वर्ण / रजत ( चाँदी ) माथे पर ( माँग मे मध्य )

हार / मटरमाला स्वर्ण गले में

मंगलसूत्र / चेन स्वर्ण / रजत ( चाँदी ) गले में

कुण्डल / झुमका टाप्स / बाली स्वर्ण / रजत ( चाँदी ) कानों में

नथ, लौंग स्वर्ण / रजत ( चाँदी ) नाक में

बाजूबंद स्वर्ण / रजत ( चाँदी ) बाजू में

करधनी रजत ( चाँदी ) कमर में

चूड़ी / कंगन स्वर्ण/ रजत/ काँच आदि हाथों की कलाई में

अँगूठी स्वर्ण / रजत ( चाँदी ) हाथों की उंगुलियों में

हँसुली स्वर्ण / रजत ( चाँदी ) गले में

पायल / जेवरी रजत ( चाँदी ) पैरों में

बिछिया रजत ( चाँदी ) पैरों की उंंगुलियों में

Hope this answer help you...

Similar questions