किन कारणों से लड़कियां स्कूल छोड़ देती है
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Answer:
apne parivar ke galath theeruman se.
Explanation:
हाल ही जारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्रोफाइल 2019 के सर्वे के अनुसार प्राथमिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद 40.03 प्रतिशत लड़कियां स्कूल छोड़ देती हैं। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा बुलंद करने वाले हरियाणा में भी यह आंकड़ा 36.51 प्रतिशत है। निष्कर्ष यह कि देश में और विशेषकर ग्रामीण भारत में बेटियों को ‘और पढ़ाने’ की आवश्यकता है। न केवल नारी सशक्तीकरण वरन इसके माध्यम से सुशिक्षित समाज के निर्माण और सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए भी यह अनिवार्य है। इस दिशा में दैनिक जागरण ने व्यापक समाचारीय अभियान छेड़ा है- बेटी को और पढ़ाओ...। शुरुआत हरियाणा से हुई है।
हरियाणा में हमने इस विषय पर सबसे पहले तमाम विशेषज्ञों से बात की। इनके मुताबिक, इस ड्राप आउट के पीछे बड़ा कारण असुरक्षा की भावना और परिवारों में बेटियों की जल्द शादी कर सामाजिक दायित्व से मुक्ति पाने की मानसिकता है। गांव से शहर पहुंचकर हायर सेकंडरी की शिक्षा ग्रहण करना तो दूर, घर से दो-तीन किलोमीटर दूर पड़ोस के गांव में भी बेटियों को स्कूल भेजने से परिवार के सदस्य अब भी कतराते हैं