Hindi, asked by ak6576385, 9 months ago


(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए :
1. वर्ण किसे कहते हैं? ये कितने प्रकार के होते हैं?
2. 'स्वर' किसे कहते हैं? इनके भेद भी लिखिए।
3. व्यंजन किसे कहते हैं? इनके भेदों का भी उल्लेख कीजिए।
4. संयुक्त व्यंजन तथा द्वित्व व्यंजन को उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
5. स्पर्श व्यंजन कौन-से हैं? इन्हें स्पर्श व्यंजन क्यों कहा जाता है?​

Answers

Answered by anshikadwivedi01
3

Answer:

follow me

Explanation:

1. choti se choti dhwani jiske tukde na ho sake

they are of two type

1.व्यंजन

2.स्वर

Answered by radhadevisinghpra
1

Answer:

1. वर्ण किसे कहते है?

उच्चारित ध्वनि संकेतों को (वायु) ध्वनि कहा जाता हैं। जबकि लिखित ध्वनि संकेतों को देवनागरी लिपि के अनुसार वर्ण कहा जाता हैं देवनागरी लिपि में प्रत्येक ध्वनि के लिए एक निश्चित संकेत (वर्ण) होता हैं।

वर्णों के समुदाय को ही वर्णमाला कहते हैं हिंदी वर्णमाला में 44 वर्ण हैं। उच्चारण और प्रयोग के आधार पर हिंदी वर्णमाला में वर्णों के दो प्रकार होते हैं।

हिंदी भाषा में वर्ण दो प्रकार के होते है।

  1. स्वर (vowel)

2. व्यंजन (Consonant)

2. स्वर में ध्वनियों का वर्ण है जिसके उच्चारण से मुख विवर सदा कम या अधिक खुलता है , स्वर के उच्चारण के समय बाहर निकलती हुई श्वास वायु मुख विवर से कहीं भी रुके बिना बाहर निकल जाती है .

व्यंजन

3.व्यंजनों के उच्चारण में स्वर यंत्र से बाहर निकलती श्वास वायु मुख – नासिका के संधि स्थूल या मुख – विवर में कहीं न कहीं अवरुद्ध होकर मुख या नासिका से निकलती है।

व्यंजन के आधार पर वर्गीकरण

हिंदी व्याकरण में व्यंजनों की संख्या ३३ मानी गयी है। व्यंजनों का अध्ययन ३ बहगों में किया जाता है स्पर्श व्यंजन , अन्तः स्थ व्यंजन , उष्म/संघर्षी।

स्पर्श व्यंजन –

जिन व्यंजनों का उच्चारण करते समय हवा फेफड़ों से निकलते हुए मुंह के किसी स्थान विशेष कंठ , तालु , मूर्धा , दात या होंठ का स्पर्श करते हुए निकले।

घोषत्व के आधार पर – घोष का अर्थ है स्वर तंत्रियों में ध्वनि का कंपन

अघोष – जिन ध्वनियों के उच्चारण में स्वरतंत्रियों में कंपन हो।

सघोष / घोष – जिन ध्वनियों के उच्चारण में स्वरतंत्रियों में कंपन हो।

प्राणतत्व के आधार पर – यहां प्राण का अर्थ है हवा।

अल्पप्राण – जिन व्यंजनों के उच्चारण में मुख से कम हवा निकले।क , च , ट ,ग ,ज द आदि

महाप्राण – जिन व्यंजनों के उच्चारण में मुख से अधिक हवा निकले। ख , छ ,ठ ,थ ,फ ,घ ,झ आदि

अन्तः स्थ व्यंजन

जिन वर्णों का उच्चारण पारंपरिक वर्णमाला के बीच अर्थात स्वरों और व्यंजनों के बीच स्थित हो।

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