Hindi, asked by nahirwar448, 3 months ago

कुण्डलियाँ छन्द की सोदाहरण परिभाषा लिखिए।​

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Answered by jtanisha922
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Answer:

दोहा और रोला जोड़कर कुण्डलिया छन्द बनता है । कुण्डलिया के प्रथम दो चरणों में दोहा का लक्षण और बाद के चार चरणों में ‘रोला’ का लक्षण घटित होता है।

अतः प्रथम दो चरण – 13 + 11 मात्राएं = 24 मात्राएँ।

बाद के चार चरण – 11 + 13 = 24 मात्राएँ।

(1) रहिये लट पट काटि दिन, बरु घामें माँ सोय।

छाँह न वाकी बैठिये, जो तरु पतरो होय ॥

जो तरु पतरो होय, एक दिन धोखा दै है।

जा दिन चले बयारि, टूटि तब जर ते जैहे ॥

कह ‘गिरधर’ कविराय, छाँह मोटे की गहिये।

पातो सब झरिजाय, तऊ छाया में रहिये॥

स्पष्टीकरण –

रहिये लट पट काटि दिन, बरु घामें माँ सोय।

I I S I I I I S I I I I I S S S S I = 13 + 11 =24

छाँह न वाकी बैठिये, जो तरु पतरो होय ॥

S I I S S S I S S I I I I S S I = 13 + 11 = 24

Answered by divinasamson43
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Answer:

yan po yung true answer

Hope it helps

Explanation:

MARK AS BRAINLIST

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