के नर्य प्रारूप के अनुरूप ई-मेल को पद्धति अपनाना अपेक्षित है।
* पत्र लेखन के मुख्य दो प्रकार हैं, औपचारिक और अनौपचारिक ।
गद्य आकलन (प्रश्न निर्मिति)
•दिए गए परिच्छेद (गद्यांश) को पढ़कर उसी के आधार पर पाँच प्रश्नों की निर्मिति करनी है । प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में ह
ऐसे ही प्रश्न बनाए जाएँ। • प्रश्न के उत्तर लिखना अपेक्षित नहीं है।
* प्रश्न ऐसे हों : •तैयार प्रश्न सार्थक एवं प्रश्न के प्रारूप में हो। प्रश्न रचना और प्रश्नों के उत्तर दिए गए गद्यांश पर आधारि
हो । • रचित प्रश्न के अंत में प्रश्नचिह्न लगाना आवश्यक है। • प्रश्न समूचे परिच्छेद पर आधारित हो ।
मनुष्य को अपने जीवन की आवश्यकताएँ पूर्ण करने के लिए बहुत कुछ श्रम करना पड़ता है । इस श्रम से थके
हुए मन और मस्तिष्क को विश्राम की आवश्यकता होती है, शरीर पर भी इस श्रम का प्रभाव पड़ता है । इसलिए वह
भी विश्राम माँगता है किंतु यदि मनुष्य आलसी की भाँति सीधा चारपाई पर लेट जाए तो इससे वह थकान भले ही उतार
ले, परंतु वह नया उत्साह नहीं पा सकता जो उसे अगले दिन फिर से काम करने की शक्ति प्रदान कर सके। यह तभी
सकता है जब दिन भर के काम से थके मन को हँस-खेलकर बहला लिया जाए । आकर्षक गीत सुनकर या सुंदर
दृश्य देखकर दिन भर पढ़ने अथवा सोचने से दिमाग पर जो प्रभाव पड़ा हो, उसे निकालकर मस्तिष्क को उस चिंता से
दूर कर देना चाहिए । इसका परिणाम यह होगा कि मनुष्य पुनः विषय पर नई शक्ति से सोच-विचार कर सकेगा।
प्रश्न:
१.
२.
३.
४.
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स्वर में कहा कि इस तरह की कोई बात नहीं है कि इस तरह की कोई बात नहीं है कि इस तरह
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