की ओर)
क्षा-9 विद्यार्थी का नाम-
(संदर्भ-पाठ-2'ल्हासा की ओर.....राहुल सांकृत्यायन, 'क्षितिज भाग)
प्रस्तुत गद्यांश ल्हासा की ओर' पाठ से ली गई है। ल्हासा तिब्बत की राजधानी है। पूरा तिब्बत बोद्ध धर्म का अनुयायी है।
इस अंशमें तिब्बत के जीवन से जुड़ी बातों का उल्लेख किया गया है। इसे ध्यान से पदाकर पूछे गए प्रश्री के उत्तर दीजिए।
"तिब्बत की जमीन छोटे-बड़े जागीरदारों में बँटी थी। इन जागीरो का बड़ा हिस्सा मठों के हाथ में था। अपनी अपनी जागीर
मेंहर जागीरदार कुछ खेती खुद करता था,जिसके लिए मजदूर उन्हें बेगार मिल जाते थे। खेती का इंतजाम देखने के लिए
वहाँ कोई भिक्षुभेजा जाता था जो जागीर के आदमियों के लिए राजा से कम नहीं होता था। शेकर की खेती के मुखिया भिक्षु
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, दिल्ली
वर्कशीट-
दिनांक-10-08-2020
-16
कक्षा अध्यापक का नाम-
एक अच्छा मंदिर था,जिसमें कंजुर(बुद्धवचन -अनुवाद )की हस्तलिखित 103 पोथियाँ रखी हुई थी। लेखक का आसन भी
वहीं लगा। वह बड़े मोटे कागज पर अच्छे अक्षरों में लिखी हुई थी, एक-एक पोथी 15-15 सेर से कम नहीं थी। तिने
फिर आस पास अपने यजमानों के पास जाने के लिए पूछा तब लेखक पुस्तक पढ़ने में मग्न थे इसलिए उन्हें
कह दिया।दूसरे दिन वे गए तो लेखक को लगा कि दो-तीन दिन लगेंगे परंतु वे उसी दिन दोपहर वाण
गाँव वहाँ से बहुत दूर नहीं था। लेखक ने नम्से से विदा ली और चल पड़े।"
प्रश्न1) भिक्षु को कहाँ और क्यों भेजा जाता था?
प्रश्न2) नम्से कौन थे तथा कैसे व्यक्ति थे?
प्रश्न3) लेखक क्या करने में मग्न हो गए?
प्रश्न4) मंदिर में क्या रखा हुआ था?
करते हैं।
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Jana abe khud kar kaha par he tu pagal
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