का पाना
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जला
भ
3 संप्रदाय मतभेद पर।
4.समाजव्यवस्था पर।
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वर भावुक
2. निम्नलिखित पद्यांश को पटकर पूछे गए बहुविकल्पीय प्रश्नों के उत्तर लिखिए-
टूटता है तन तडप, मगर रुक मेघ मत बरस।
खड़ा है सूर्य ऊपर, धरा है वज्र मेरा पाव।
कूटता है स्वर्ण घन से, कोई दोनों हाथ मेरे।
जमी पर बीज अपने, किरण चम-चम।
घहरता स्वर्ण घन-घन-घन।
पिघलकर रक्त दोनों पत्थरों से चूमता भू।
मृदा से गंध उठती सोंधी-सोंधी।
और उग आते सने मिट्टी सहस्रों हाथ।।
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व सुप्यावस्था
प्रवर
(क) प्रस्तुत काव्यांश में स्वर्ण घन किसका प्रतीक है?
1. समृद्धि का।
2 निम्न वर्गका।
3. पूंजीपति वर्ग के कुचक्र का।
4. शोषित वर्गका।
(ख) काव्यांश में किसका वर्णन किया गया है?
1. अमीर और गरीब वर्गका।
2.समतासूचक समाज का।
3. पूँजीपति और शोषित वर्ग के बीच संघर्ष का। 4. नवीन समाज का।
(ग) मिट्टी से सोंधी-सोंधी गंध कव उठने लगती है?
1. जब वर्षा का जल मिट्टी पर गिरता है।
2. जब शोषित वर्ग के रक्त मिश्रित आँसू भूमि पर गिरते हैं।
3. जब मिट्टी में नए वीज डाले जाते हैं।
4. जब पूंजीपति स्वयं मिट्टी को पानी देते हैं।
(घ) भूमि पर किसने बीज गाड रखे हैं।
1. विधाता ने।
2 कवि ने।
3. शोषित वर्गका प्रतिनिधित्व करने वाले नायक ने। 4. इन सभी ने।
(ङ) 'घहरता स्वर्ण घन-घन-धन में कौन सा अलंकार है?
1रूपक
2. उपमा
3. अन्योक्ति
4. पुनरुक्ति प्रकाश
क्रार
का
C
प्रक
तीर
5
त्र
खण्ड-ख
3. निलिखित में से किसी एक घटना/स्थिति के आधार पर लगभग 150 शब्दों में रचनात्मक लेखन लिखिए-
सडक दुर्घटना में चोटिल व्यक्ति
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