(क) प्रत्यावर्ती धारा जनित्र का सिद्धान्त, संरचना तथा कार्यविधि की व्याख्या कीजिए।
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this can be the answer but I don't know perfectly..........
Explanation:
कार्यविधि- जब आर्मेचर (कुण्डली) ABCD को दक्षिणावर्त दिशा में घुमाया जाता है तो कुण्डली में विद्युत् चुम्बकीय प्रेरण के कारण विद्युत् धारा प्रेरित हो जाती है। ... अगले आधे चक्कर में विद्युत् धारा की दिशा बदल जाती है। अतः धारा B1 से B2 की ओर बहती है। इस प्रकार परिपथ में प्रत्यावर्ती धारा प्रवाहित होती है।
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