Hindi, asked by vandanapatel2162, 9 hours ago

• कुप्रथा को दूर करने के उपाय।
(ग) समाचार-पत्र • समाचार-पत्र की आवश्यकता का कारण मनुष्य की जिज्ञासा • समाचार-पत्र का
आरंभ कब, कहाँ और कैसे हुआ? • समाचार-पत्र की वर्तमान समय में उपयोगिता • समाचार-पत्र
के लाभ तथा हानियाँ • उपसंहार।
कैसे? बस में बैठने का अनुभव • बस के nibandh in Hindi​

Answers

Answered by falguni93
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Answer:

मनुष्य एक जिज्ञासु प्राणी है. मानव की जिज्ञासा को शांत करने के लिए समाचार पत्रों का जन्म हुआ वैज्ञानिक प्रगति के कारण समस्त संसार एक परिवार में बदल गया है. ... ऐसे अनेक व्यक्ति मिल जाएंगे जिनके लिए समाचार पत्र भोजन से अधिक महत्वपूर्ण है, अतः आज की परिस्थितियों में समाचार पत्र को युग की आवश्यकता ही कहा जा सकता है.

समाचार पत्र का आविष्कार कब और कब किया गया था इसे माना जा सकता है पहला समाचार पत्र या पहला मुद्रित जर्नल प्रकाशन हुआ वर्ष 1529 में वियना में. ... इस समाचार पत्र ने अपने सभी पूर्ववर्तियों को एक मॉडल और प्रेरणा के रूप में कार्य किया, जिसमें एक माना गया था पहला अंग्रेजी समाचार पत्र: द अंग्रेजी Mercurie, साल में बनाया गया 1588.

समाचार पत्र की उपयोगिताओं में एक बहुत बड़ी उपयोगिता यह भी है कि जो समाचार आकाशवाणी और दूरदर्शन से प्रसारित होते हैं, वे बहुत अल्प और सामाजिक होते हैं, जबकि समाचार पत्र में प्रकाशित समाचार बहुत बड़े स्तर पर होकर विविध रूप में प्रकाशित होते हैं। ... इस प्रकार से समाचार पत्र हमारे लिए उपयोगी होने के साथ साथ आवश्यक भी हैं।

समाचार-पत्र निस्संदेह सूचनाओं एवं संवेदनाओं के आदान-प्रदान का एक प्रमुख स्त्रोत हैं । इसके अतिरिक्त समाचार-पत्रों के माध्यम से व्यक्ति अपने व्यापार, विवाह, नौकरी अथवा अन्य विषयों से संबंधित विज्ञापन भेज सकता है । विज्ञापन के माध्यम से व्यापारिक संस्थान अपने उत्पाद का प्रचार-प्रसार कर सकते हैं ।

समाचार पत्र के हानियां:

. कई बार समाचार पत्र में गलत कामों की खबर को छुपा देते है.

. समाचार पत्र में लोग कई बार गलत खबर छाप देते है.

. समाचार पत्र में कई बार अच्छी खबर नहीं छापी जाती.

सामान्यत: किसी रचना (विशेष रूप से गद्य अथवा नाटकीय) के अन्त में प्रस्तुत किया जानेवाला वह हिस्सा जिसमें सम्पूर्ण कृति का सार, उसका अभिप्राय और स्पष्टीकरण (कभी-कभी निबंध के लिए॰प्रसंगेतर लेकिन तत्संबंधी आवश्यक, अतिरिक्त सूचनाएँ) समाविष्ट हों, उपसंहार (या, पुश्तलेख, या अन्त्यलेख ; अंग्रेजी में - ए॰िलॉग) कहलाता है।

बस की हालत बहुत ही खस्ता थी। लेखक के अनुसार उस बस के अंदर बैठना अपने प्राणों का बलिदान देने जैसा था और उसका हिस्सेदार-साहब तो पूरे रास्ते उस बस की तारीफ़ों के पुल बाँधते रहे थे। ... लेखक को लगा हम सबसे महान तो ये है जो इसकी ऐसी हालत देखकर भी इस बस से यात्रा करने में तनिक भी घबराया नहीं।

Explanation:

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