Hindi, asked by tanyafatima4059, 3 months ago

कंप्यूटर शिक्षा समय की मांग पर निबंध​

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Answered by diyarajvanshi7
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Answer:

प्रस्तावना-मानव-

समाज को सुसभ्य और प्रगतिशील बनाने में जिन वैज्ञानिक आविष्कारों ने क्रान्तिकारी योगदान किया है, उनमें कम्प्यूटर को निस्सन्देह आज शीर्ष स्थान प्राप्त हो गया है। जीवन के सभी क्षेत्रों में कम्प्यूटर ने जितनी शीघ्रता और व्यापकता से प्रवेश किया है, वह सचमुच आश्चर्य का विषय है। आज तो कम्प्यूटर धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष, चारों पुरुषार्थों की सिद्धि में मनुष्य का सहयोग कर रहा है।

कम्प्यूटर का इतिहास-

कम्प्यूटर के आविष्कार का प्रथम प्रयास यूनान तथा मिस्र देशों में हुआ था। वहाँ ईसा से 1000 वर्ष पूर्व एबैकस नामक यंत्र का आविष्कार किया गया था। यह गणना करने तथा गणित सम्बन्धी प्रश्न हल करने में काम आता था। सन् 1673 ई. में फ्रांस के ब्लेज पैस्कल नामक युवक ने कम्प्यूटर बनाया। आधुनिक कम्प्यूटर का आविष्कार सन् 1833 ई. में इंग्लैंड के चार्ल्स बैवेज नामक गणितज्ञ ने किया था।

कम्प्यूटर के चमत्कार-

कम्प्यूटर का सबसे बड़ा चमत्कार यह है कि उसके सहयोग से अन्य यंत्रों; प्रणालियों एवं युक्तियों की कार्यक्षमता को कहीं अधिक दक्ष, प्रभावी और तीव्र बनाया जा सकता है। शिक्षा के क्षेत्र में कम्प्यूटर ने छात्रों के लिए ज्ञान-विज्ञान और प्रशिक्षण के अपार क्षेत्र खोल दिए हैं।

विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान, डाटा संग्रह और प्रत्यक्ष प्रयोग में सहायक बनकर कम्प्यूटर ने अपनी अपरिहार्यता प्रमाणित कर दी है। कम्प्यूटर की सहायता से ही नासा के वैज्ञानिक धरती पर बैठे-बैठे मंगलग्रह पर जीवन की खोज कर रहे हैं।

कम्प्यूटर से ही प्रक्षेपास्त्रों का संचालन और नियंत्रण हो रहा है। असाध्य रोगों के लिए औषधियों की खोज में कम्प्यूटर सहायक है। प्राकृतिक आपदाओं के पूर्वानुमान में कम्प्यूटर ही प्रमुख भूमिका अदा कर रहा है।

उपसंहार-

आज मनुष्य कम्प्यूटर के रोमांचकारी और सुख-सुविधा प्रदायक स्वरूप पर मुग्ध है किन्तु मानव-जीवन में कम्प्यूटर का दिनोंदिन बढ़ता प्रभाव खतरे की घण्टी भी है। वैज्ञानिक कम्प्यूटर को अधिकाधिक सक्षम और संवदेनशील बनाने में जुटे हैं।

स्मार्ट कम्प्यूटर की कल्पना साकार करने में लगे हैं। भले ही कम्प्यूटर मन-मस्तिष्क का स्थानापन्न न बन पाए किन्तु वह धीरे-धीरे मनुष्य को उसकी प्राकृतिक क्षमताओं से वंचित तो कर ही देगा। इतिहास साक्षी है कि मनुष्य ने वैज्ञानिक क्षमताओं का प्रयोग निर्माण के साथ-साथ ध्वंस के लिए भी किया है।

अतः हमें रोबोट्स (यंत्र मानव) पर विमुग्ध होने के साथ ही कम्प्यूटरीकृत सैनिकों के निर्माण के भयावह परिणामों पर ध्यान देना होगा। कम्प्यूटर मानव-कल्याण का ही सूत्रधार बना रहे, यही हम सबकी कामना और प्रयास होना चाहिए।

Explanation:

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