Art, asked by ramjipatel71513, 3 months ago

(क) पम्पाभिधानं पद्मसर: कुत्रासीत्?​

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Answered by ramesh015
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Answer:

हिम’ और ‘आलय’, ‘देव’ और ‘आलय’, ‘देव’ और ‘इन्द्र’ आदि शब्द-युग्मों को सदि जल्दी-जल्दी पढ़ा जाये तो इनका मिला हुआ रूप ‘हिमालय’, ‘देवालय’, ‘देवेन्द्र’ आदि ही सदा मुख से निकलता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि सन्धि शब्दों के मिले हुए उच्चारण को ही एक रूप है। इससे यह भी सिद्ध होता है कि जब कोई दो वर्ण अत्यन्त समीप आ जाते हैं तभी उनमें सन्धि होती है। इस प्रकार पास होने पर वर्षों में कभी तो (UPBoardSolutions.com) परिवर्तन हो जाता है और कभी नहीं भी होता, परन्तु सदैव पहले शब्द का अन्तिम वर्ण दूसरे शब्द के आरम्भ वाले वर्ण से ही मिलता है। निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि दो वर्षों के अत्यन्त पास आने से उनमें जो परिवर्तन होता है, उसे सन्धि कहते हैं; जैसे—रमा + ईशः = रमेशः।।

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