क्रिकेट पर दृश्य लेखन
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Explanation:
खेलों का जीवन में विशिष्ट स्थान है । जिस प्रकार खाना, पीना, पहनना जीवन के लिए अनिवार्य है, उसी प्रकार खेलना भी जीवन को सुखमय बनाने के लिए आवश्यक है । खेल अनेक प्रकार से खेले जाते हैं । इस समय दुनिया में असंख्य खेल हैं, जो अपनी-अपनी रुचि के अनुकूल खेले जाते हैं ।
परन्तु कुछ खेल ऐसे हैं जो सबकी रुचि के अनुकूल बन जाते हैं । वे खेल दुनिया में लोकप्रिय बन जाते हैं, जिन्हें खेलने व देखने में सबकी रुचि बनी रहती है । आजकल ऐसे खेलो में क्रिकेट के खेल का महत्वपूर्ण स्थान है । वर्तमान समय में क्रिकेट विश्व का लोकप्रिय खेल बन चुका है ।
आरम्भ व विकास:
यद्यपि निश्चित रूप से यह कहना कठिन है कि क्रिकेट का आरम्भ कहाँ व कब हुआ तथापि कुछ विशेषज्ञो के अनुसार इस खेल का आरम्भ आज से 600 वर्ष पूर्व इंग्लैड में हुआ । क्रिकेट की जन्म भूमि इंग्लैण्ड है । इंग्लैड के माध्यम से यह खेल अन्य देशो में भी पहुँचा । भारत में इस खेल का आगमन ईस्ट इण्डिया कम्पनी के माध्यम से हुआ ।
सन् 1848 में ओरियन्टल क्लब बम्बई में यह खेल प्रथम बार विधिवत् खेला गया । सन् 1911 में महाराजा पटियाला के नेतृत्व में एक भारतीय टीम इंग्लैंड गई थी । तब से कई बार भारतीय टीमें विदेश जाती रही और विदेशी टीमे भारत आती रही ।
क्रिकेट के साज-सामान:
क्रिकेट एक महंगा खेल है । इसके लिए महंगी सामग्री लेनी पड़ती है । साथ ही क्रिकेट का मैदान बहुत विशाल होता है, जिसमे पिच का बहुत बड़ा महत्त्व होता है । दोनो ओर गड़े हुए स्टम्पों के बीच की जगह को पिच कहते हैं । स्टम्पों के बीच की दूरी 22 गज होती है । पिच के दोनों ओर लकड़ी के तीन-तीन स्टम्प गाड़े जाते हैं ।
ये स्टम्प जमीन से 28 इन्च ऊँचे होते हैं । स्टम्पो के ऊपर लकड़ियों के बीच में बेल्स रखे जाते हैं । क्रिकेट में बल्ला एक महत्त्वपूर्ण एवं प्रमुख साधन है । इस से गेंद खेली जाती है । बल्ले की लम्बाई 38 इंच होती है । क्रिकेट के खेल में दूसरा महत्त्वपूर्ण साधन है गेंद ।
क्रिकेट की गेंद काफी ठोस व कठोर होनी चाहिए । ठोस गेंद से शरीर की रक्षा के लिए हाथो में गद्देदार दस्ताने तथा पैरो में आगे की ओर पैड़ बाँधे जाते है । क्रिकेट खिलाड़ी के जूते प्राय: सफेद तथा कैनवस के होते हैं जिनका तल्ला चमडे का होता है ताकि पैर फिसल न जाए । क्रिकेट में खिलाड़ी प्राय: सफेद कमीज व सफेद पैट पहनते हैं ।
क्रिकेट खेल के खिलाड़ी, आरम्भ व अवधि:
इस खेल के खिलाड़ियों के दो दल होते हैं । खेल को खिलाने वाले दो निर्णायक होते हैं जिन्हें अम्पायर कहते हैं । प्रत्येक दल का एक-एक मुखिया स्किपर अथवा कप्तान होता है जिसके नेतृत्व में उसकी टीम खेलती है ।
प्रत्येक दल में ग्यारह-ग्यारह खिलाड़ी होते हैं । प्रत्येक दल मे एक अथवा दो अतिरिक्त खिलाड़ी भी रखे जाते हैं । क्रिकेट का खेल लम्बी अवधि तक खेला जाता है । टैस्ट मैच प्राय: पाँच दिन का होता है । अन्य साधारण मैच तीन या चार दिन के होते हैं । कभी-कभी एक दिन का मैच भी होता है ।
क्रिकेट खेल के नियम:
इस खेल के दोनों अम्पायर पूर्ण गति-विधियों पर बारीकी से नजर रखे रहते हैं । उन्ही के संकतों पर सारा खेल खेला जाता है । खेल शुरू होने पर अम्पायर गेंदबाज को गेंद फैंकने की अनुमति देता है । गेंदबाज एक स्टम्प की ओर से एक ही ओवर फैंक सकता है, एक ओवर में छ: बार गेंद फैकी जाती है । एक ओवर खेलने के बाद कप्तान दूसरे खिलाड़ी को बुलाता है ।
इस प्रकार दो-तीन गेंदबाज अपने-अपने ओवर फैंकते है और बल्लेबाज को आऊट करने का प्रयास करते हैं । बल्लेबाज रन बनाता है । वह फैंकी गई गेंद को पूरा जोर लगाकर हिट मारकर अधिक से अधिक दूर फैंकने का प्रयास करता है जिससे वह अधिक से अधिक रन बना सके । रन बनाने के लिए उसके सामने की ओर लगे स्टम्प तक उसे भागना होता है ।
एक ओर से दूसरी ओर तक आने को एक रन कहते हैं । रन बनाने के लिए दोनो ओर के बल्लेबाज भागते हैं और उनके अपने-अपने व्यक्तिगत रन बनते हैं । जब गेंद लुढ़कती हुई सीमा रेखा पार कर जाती है तो बल्लेबाज को चार रन प्राप्त हो जाते हैं, जिसे चौका कहते हैं । जब गेंद मैदान में बिना टप्पा खाये सीमा रेखा पार कर जाती है, तो ऐसी स्थिति में बल्लेबाज को छ: रन प्राप्त होते हैं, इसको छक्का कहते हैं ।
बल्लेबाज को आऊट करने के कई तरीके होते हैं गेंद से स्टम्प या विकेट को गिरा देना बोल्ड, क्षेत्र रक्षक व गेंदबाज की ओर से शाट की हुई गेंद को पकड़ लेना कैच आऊट, रन लेने से पूर्व ही गेंद को स्टम्प की ओर फेंक कर विकिट गिरा देने को रन आउट कहते हैं, स्टम्प या हिट विकेट से भी बल्लेबाज आऊट हो जाता है । आऊट होने की स्थिति को अम्पायर बड़ी बारीकी से देखता है ।