कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों एवं फेरी वालों की समस्याओं को समाचार पत्र (हिंदी में)
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कोरोना वायरस एक ऐसी आपदा है जिसने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है. अब तक अकल्पनीय आर्थिक नुक़सान हो चुका है और लाखों लोगों की मौत हो चुकी है.
लाखों परिवार बिखर गए हैं. बच्चे अनाथ हो गए हैं. ये एक ऐसी अभूतपूर्व स्थिति है जिसके चलते पूरी दुनिया जहां की तहां ठहर कर रह गई है.
कोरोना लॉकडाउन: मोदी सरकार की प्राथमिकता सही नहीं- नज़रिया
ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. अब से कुछ समय पहले जो सब कुछ हम देख रहे हैं, उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी लेकिन जो सामने है उसे झुठलाया नहीं जा सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने भी अपने सामने आई इस चुनौती का डटकर सामना किया है और लगातार कर रही है.
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केंद्र सरकार के क़दम कितने असरदार
केंद्र सरकार इस आपदा की शुरुआत से ही पूरी ताक़त से लड़ रही है. और इसका असर देश और दुनिया भर की जनता को दिख रहा है.
प्रधानमंत्री मोदी के समयानुकूल क़दमों की वजह से 1 अरब 30 करोड़ लोगों के देश में ठीक होने वालों का प्रतिशत तीस फ़ीसदी से ज़्यादा है. इसे लेकर पूरे विश्व में भारत की सराहना की जा रही है.
हाँ, ये सही है कि इस बीमारी से अभी भी काफ़ी लोग संक्रमित हैं. और कई अमूल्य जीवन नष्ट हो गए हैं जो कि बेहद दुर्भाग्यशाली हैं.
मगर यहां ये ध्यान देने की बात है कि विकसित देशों जहां की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं इतनी मज़बूत हैं, वहां पर कितना बुरा हाल है. लेकिन भारत सरकार अपने सीमित साधनों के बल पर अपनी जंग लड़ रही है और कुछ हद तक यहां पर स्थिति विदेशों जितनी बुरी नहीं है.
Answer:
Answer :-
- सरकार इतनी तेज़ी से काम कर रही है कि घोषणा होने के तत्काल बाद पैसे का आवंटन हो रहा है. कल और परसों जो घोषणाएं हुईं हैं उनमें से कई के लिए आर्थिक कोष का आवंटन हो चुका है. राज्यों को पैसा भेजा जा चुका है. इस पैसे से राज्य सरकारों को श्रमिकों को तीन महीने तक मुफ़्त राशन देना है.
- सरकार ने प्रवासी श्रमिकों की खाने-पीने से जुड़ी दिक्क़तें दूर करने के लिए वन नेशन वन राशन कार्ड स्कीम शुरू की है. इसे अमल में लाने के लिए तीन महीनों का समय दिया गया है. लेकिन इस दौरान मुफ़्त राशन देने की व्यवस्था तीन महीने तक के लिए की गई है. ख़ास बात ये है कि केंद्र सरकार इसके लिए खुद ख़र्च कर रही है जो कि आज तक नहीं हुआ है.
- अब कई लोग ये भी कह रहे हैं कि सरकार प्रवासी मज़दूरों की मदद के लिए उस तरह आगे क्यों नहीं आ रही है जिस तरह प्राकृतिक आपदा के समय सरकार द्रुत गति से काम करती है.
- इस सवाल का जवाब सिर्फ़ एक है कि सरकार ने इस आपदा से निपटने में किसी भी हथियार को छिपा कर नहीं रखा है. और सरकार इतनी बड़े देश की विशाल आबादी को बचाने में दिन रात लगी हुई है.