Hindi, asked by riddhima13122009, 2 months ago

कोरोना के संकट काल में डॉक्टर और पत्रकार के बीच संवाद लिखिए l

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Answered by malllickankita618
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श्रीनगर। राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में चल रही रिवाइज्ड बेसिक कोर्स कार्यशाला में संकाय सदस्यों (फैकल्टी) को मरीजों और तीमारदारों के साथ किए जाने वाले व्यवहार और संवाद के बारे में बताया गया। इस दौरान संकाय सदस्यों को मेडिकल के छात्र-छात्राओं को व्यवहारिक जानकारी देने के लिए कहा गया, जिससे वह कुशल और बेहतर डॉक्टर बन सके।

मेडिकल कॉलेज के फार्माकोलॉजी विभाग के लेक्चर थियेटर में एमसीआई (भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद) की गाइडलाइन के अनुसार कार्यशाला चल रही है। कार्यशाला में 27 संकाय सदस्यों को अपडेट किया जा रहा है। बुधवार को कार्यशाला के तीसरे दिन प्रभारी प्राचार्य प्रो. विमल गुसांई ने कहा कि श्रीनगर मेडिकल कॉलेज प्रदेश का पहला सरकारी मेडिकल संस्थान हैं, जो अपने संकाय सदस्यों को अपने ही संस्थान में उक्त प्रशिक्षण दे रहा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में डॉक्टरों के समक्ष काफी चुनौतियां हैं। इनका सामना करने के लिए कुशल डॉक्टर बनना जरूरी है। प्रशिक्षक डा. दीपा हटवाल ने मनोभाव, संवाद कुशलता और कौशल विकास के बारे में बताया। उन्होंने मरीज और तीमारदारों के साथ बेहतर संवाद पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण लेने के बाद संकाय सदस्य छात्र-छात्राओं को इसके बारे में बताए। जब छात्र-छात्राएं पढ़ाई करके सेवा करने संस्थान से निकलेंगे, तो वह एक परिपक्व डॉक्टर के रुप में समाज के सामने खड़े होंगे।

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Answered by arvindbhaiasalaliya
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कोरोना संकट के बीच पत्रकारों पर मीडिया हाउस गिरा रहे हैं गाज

कमलेश

बीबीसी संवाददाता

5 जून 2020

पत्रकार

इमेज स्रोत,PALLAVA BAGLA

“मैंने 10 साल उस संस्थान में काम किया है. पन्ने पर बदलाव करने के लिए कई बार घर से देर रात वापस ऑफ़िस भी गई ताकि एडिशन ठीक से निकले. लेकिन मेरी 10 साल की सर्विस को ख़त्म करने में उन्हें कुछ ही मिनट लगे.”

काजल हिंदी अख़बार नवभारत टाइम्स में काम करती थीं और कुछ दिनों पहले अचानक उनसे इस्तीफ़ा माँग लिया गया है.

नवभारत टाइम्स में वह अकेली नहीं हैं बल्कि सीनियर कॉपी एडिटर से लेकर एसोसिएट एडिटर स्तर तक के कई पत्रकारों से इस्तीफ़ा देने को कहा गया है.

संस्थान में दिल्ली-एनसीआर, लखनऊ और अन्य ब्यूरो से लोग निकाले गए हैं. सांध्य टाइम्स और ईटी हिंदी बंद हो गए हैं. इसके अलावा फ़ीचर पेज की टीम को भी मिला दिया गया है.

इसी संस्थान के एक और पत्रकार ने बताया कि एक दिन संपादक और एचआर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करके कहा लॉकडाउन के कारण कंपनी नुक़सान में है और इसलिए आपकी सेवाएं ख़त्म की जा रही हैं. आप दो महीने का वेतन लीजिए और इस्तीफ़ा दे दीजिए.

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