Hindi, asked by harshraykwar1332008, 6 months ago

कोरोना महामारी के प्रकोप से बचने के लिए भाई बहन मे संवाव (अधिकतम 50 शब्द)​

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Answered by JyotirmayaMohanty
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Answer:

कोरोना वायरस का प्रकोप दुनिया के करोड़ों लोगों का जीवन एक नाटकीय अंदाज़ में बदल रहा है.

वो जिस तरह के रहन-सहन के आदी रहे हैं, उसमें बदलाव आ रहा है. हालांकि, ये बदलाव फ़िलहाल तो वक़्ती नज़र आ रहे हैं.

लेकिन, तारीख़ के पन्ने महामारियों के इतिहास बदलने की मिसालों से भरे पड़े हैं. बीमारियों की वजह से सल्तनतें तबाह हो गईं.

साम्राज्यवाद का विस्तार भी हुआ और इसका दायरा सिमटा भी. और यहां तक कि दुनिया के मौसम में भी इन बीमारियों के कारण उतार-चढ़ाव आते देखा गया.

आपको महामारियों के इतिहास बदलने की कुछ मिसालें बताते हैं-

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समाप्त

People praying for relief from the bubonic plague, circa 1350.

इमेज स्रोत,GETTY IMAGES

ब्लैक डेथ और पश्चिम यूरोप का शक्तिशाली उदय

चौदहवीं सदी के पांचवें और छठें दशक में प्लेग की महामारी ने यूरोप में मौत का दिल दहलाने वाला तांडव किया था. इस महामारी के क़हर से यूरोप की एक तिहाई आबादी काल के गाल में समा गई थी. लेकिन दसियों लाख जानें लेने वाली ये महामारी, कई यूरोपीय देशों के लिए वरदान साबित हुई.

अपने नागरिकों की इतनी बड़ी तादाद में मौत के बाद बहुत से देशों ने खुद को हर लिहाज़ से इतना आगे बढ़ाया कि वो आज दुनिया के अमीर मुल्कों में शुमार होते हैं. ब्लैक डेथ यानी ब्यूबोनिक प्लेग से इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत के कारण, खेतों में काम करने के लिए उपलब्ध लोगों की संख्या बहुत कम हो गई.

इससे ज़मींदारों को दिक़्क़त होने लगी. जो किसान बचे थे उनके पास ज़मींदारों से सौदेबाज़ी की क्षमता बढ़ गई. इसका नतीजा ये हुआ कि पश्चिमी यूरोप के देशों की सामंतवादी व्यवस्था टूटने लगी. जो किसान, अपना राजस्व भरने के लिए ज़मींदारों के खेतों में काम करने को मजबूर थे, वो ज़मींदारों की क़ैद से आज़ाद होने लगे.

इस बदलाव ने मज़दूरी पर काम करने की प्रथा को जन्म दिया. जिसके कारण पश्चिमी यूरोप ज़्यादा आधुनिक, व्यापारिक और नक़दी आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ चला. चूंकि अब ज़मींदारों के लिए मज़दूरों की मज़दूरी देना महंगा पड़ रहा था.

कोरोना वायरस

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