कोरोना महामारी पर अस्त-व्यस्त जीवन पर एक अनुच्छेद
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वैश्विक कोरोना महामारी ने लोगों की जिंदगी अस्त-व्यस्त कर दी है। रहन-सहन से लेकर खानपान भी लोगों का बदल दिया है।कोरोना वायरस का दहशत लोगों में इस कदर है कि कार्यस्थल पर जाने में भी लोग सहमे हैं। शहर से लेकर गांव तक लोग भयांक्रात हंै। लोगों की दैनिक क्रियाकलाप अभूतपूर्व प्रभावित हुई हैं वहीं जरूरी काम भी बंद हैं। कोरोना वायरस व लॉकडाउन की वजह से वाहन नहीं चलने के कारण लोग अभी भी जहां-तहां फंसे हुए हैं। हालांकि दूसरे प्रदेशों से अब भी लोग जैसे-तैसे आ रहे हैं।
प्रदेश से आए लोगों को घर से बाहर स्कूल व अन्य जगहों पर बने क्वारंटाइन सेंटर पर ही रखा जा रहा है। खासकर दैनिक मजदूरों को खाने-पीने की समस्या उत्पन्न है। लॉकडाउन के कारण लोगों के सामने कई समस्याएं है। बाहर से इलाज कराने वाले लोगों की भी परेशानी बढ़ी है। बैंक में लेन देन से लेकर जरूरी खरीदारी पर असर पड़ा है। ड्यूटी करने वाले लोगों को भी आने जाने की समस्या हुई है। लोगों ने कई जरूरी व पूर्व निर्धारित कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं।
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कोरोना वायरस (सीओवी) का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है। इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था। डब्लूएचओ के मुताबिक बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं। अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है।
इसके संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसलिए इसे लेकर बहुत सावधानी बरती जा रही है। यह वायरस दिसंबर में सबसे पहले चीन में पकड़ में आया था। इसके दूसरे देशों में पहुंच जाने की आशंका जताई जा रही है।
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