कोरोनावायरस के कारण जीविका यापन के लिए परेशान गरीब लोगों की सहायता के लिए धन एकत्र करने हेतु एक विज्ञापन लगभग 50 शब्दों में तैयार कीजिए।(5)
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दुनिया कोरोनावायरस महामारी के रूप में आधुनिक काल के सबसे गंभीर संकट का सामना कर रही है और भारतीय सेलिब्रिटीज़ क्या कर रहे हैं? बेशक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर 22 मार्च को शाम 5 बजे कइयों ने ताली बजाई और बर्तन पीटे, और ऐसा करते समय खुद को फिल्माया भी. अन्य कई मज़ाकिया सेलिब्रिटी बर्तन-झाड़ू-पोंछा (बीजेपी) चैलेंज में भाग लेते हुए हमें व्यंजन बनाने और घर को साफ करने के तरीके बता रहे हैं. शेष दुनिया घातक वायरस का इलाज खोजने या गरीबों को आर्थिक मदद प्रदान करने या चिकित्साकर्मियों के लिए उपकरणों की व्यवस्था करने की कोशिश कर रही है, और इससे एक बार फिर दूसरे देशों और भारत के अभिजात वर्गों के बीच उदारता संबंधी खाई उजागर हो रही है.
टेनिस स्टार रोजर फेडरर ने कोरोनावायरस संकट के दौरान स्विट्ज़रलैंड के सर्वाधिक कमजोर परिवारों की सहायता के लिए 10.2 लाख डॉलर का दान दिया है; भारत के पूर्व क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली पश्चिम बंगाल की कंपनी लाल बाबा राइस के सहयोग से 50 लाखरुपये का चावल दान दे रहे हैं, जो स्पष्ट रूप से एक प्रायोजित, पारस्परिक ब्रांड-बिल्डिंग की कवायद है. चीन के अरबपति जैक मा ने अमेरिका को दस लाख फेस मास्क और पांच लाख कोरोनोवायरस परीक्षण किट का दान किया है, और उन्होंने यूरोपीय और अफ्रीकी देशों के लिए ऐसे ही सहयोग का वचन दिया है; अमिताभ बच्चन आधी-अधूरी जानकारी फैलाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं – जैसे ‘मक्खियां कोरोनावायरस फैलाती हैं’ – और आश्चर्य भाव से कहते हैं कि क्या बर्तन और थाली पीटने से वायरस की शक्ति कम हो जाएगी क्योंकि ऐसा 22 मार्च को अमावस्या के दिन किया गया था (उन्होंने बाद में ये ट्वीट डिलीट कर दिया).
हॉलीवुड के स्टार-युगल ब्लेक लाइवली और रयान रेनॉल्ड्स ने घोषणा की है कि वे निम्न आय वाले परिवारों और बुजुर्गों की मदद के लिए कार्यरत संस्थाओं फीडिंग अमेरिका और फूड बैंक कनाडा को 10 लाख डॉलर का दान देंगे; जबकि क्रिकेट और बॉलीवुड के खूबसूरत भारतीय संगम विराट कोहली और अनुष्का शर्मा अपने चिर-परिचित लेक्चर मोड में सभी को ‘घर में रहने और सुरक्षित बचने’ की सलाह देते हैं. इससे पहले अनुष्का शर्मा की एक ’लग्जरी कार’ के यात्री से झड़प हो चुकी है जब उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत के निर्देश का उल्लंघन करने पर उसे आड़े हाथों लिया था|
HOPE THIS BRING A SMILE IN YOUR FACE
STAY HOME AND STAY SAFE.
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लॉकडाउन की वजह से दूसरे राज्यों में फंसे लोगों को घर वापस लाने के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं. राज्यों की मांग पर केंद्र सरकार ने ट्रेन से मज़दूरों और दूसरे लोगों को वापस लाने की अनुमति दी है.
इससे पहले कोटा से पहुंचे छात्रों को उनके संबंधित जिलों में पहुंचा दिया गया है. तमाम छात्रों को स्वास्थ्य जांच के बाद घर जाकर 14 दिनों के लिए क्वारंटीन में रहने को कहा गया है. इससे पहले ममता ने देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरें को स्नेह परस यानी स्नेह का स्पर्श शीर्षक योजना के तहत एक-एक हज़ार की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया था. यह रकम सीधे उनके बैंक खातों में या फिर स्थानीय संपर्कों के जरिए नकद दी जा रही है. उन्होंने लॉकडाउन के चलते राज्य के बेरोज़गार मज़दूरों के लिए भी इतनी ही रकम देने का ऐलान किया है.