कोरोनावायरस और मेरे बीच नाट्य के रूप में संवाद लेखन
Answers
राधेश्याम---
जीवन हरण, अमंगल करण ओ वायरस महाराज,
देख रहा सम्पूर्ण जगत तुम्हारी लीला आज ।
तुम्हारी लीला आज सम्पूर्ण विश्व को है डराती,
तुम्हारे लक्षण हैं दिख रहे बड़े ही उत्पाती ।
आखिर लोगों ने किस गलती का परिणाम पाया,
कि विनाश करने तू इस धरती पर आया ।
कोरोना----
आप लोगों की बदौलत ही यहाँ पर हूं आया,
आपने प्रकृति से छेड़छाड़ का परिणाम है पाया ।
आधुनिकता के चक्कर में हद तोड़ दी सारी,
जिस प्रकृति का संसार रहा अब तक आभारी ।
एक बार फिर प्रकृति ने आपको चेताया है,
आपने अपनी ही गलती का अंजाम पाया है ।
- हमें विश्वास है कि हमारे पाठक स्वरचित रचनाएं ही इस कॉलम के तहत प्रकाशित होने के लिए भेजते हैं। हमारे इस सम्मानित पाठक का भी दावा है कि यह रचना स्वरचित है।
isse tare kai aur udharan aap ko web mai mil jayege
shukriya
Answer:
is writing an answer
avnish23
Avnish23Expert
Explanation:
खेत कोरोनावायरस आपके बीच में संवाद लेखन के बारे में यह कहा जा सकता है कोरोनावायरस को लेकर आज दुनिया पूरी परेशान है ऐसे में दूरियां बना ना ही उपाय है लोगों में दूरियां बढ़ती जा रही हैं यदि आप सही हैं तो आपने कर सकते यदि आप हो चुका है पॉजिटिव चेकअप करा लीजिए और सीधे डॉक्टर की सैलरी से अकेले रहना और व्यर्थ ही रहेगा यह मेरी यही रहेगी और गूगल कीजिए ताकि नए-नए हमारी गवर्नमेंट लॉन्च कर दिए हैं आपने यूज कीजिए आपको मिल जाएंगे आपको गूगल प्ले स्टोर काफी काफी बढ़िया है और अधिक जानकारी के लिए गूगल कीजिए और आपके बारे में आपको अपने बारे में नहीं पता आपको किसके बारे में पता होगा आपको इतना तो मानना चाहिए कि वह कैसे कैसे हैं आप आजकल का है अपना सोच सोच कर अपना सही से अपना कोरोनावायरस में रहो भैया.