History, asked by knazrana880, 9 months ago

कोरोना वायरस पर 10 Page
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Answered by harrypotter311
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Answered by tanajimahind012
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भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को एक अहम बैठक में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 15 अप्रैल तक सभी वीज़ा पर पाबंदी लगानने का फ़ैसला किया है.

स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्ष वर्धन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कोरोना वायरस कोविड 19 के संक्रमण को फैलने से रोकने और इससे बचने के उपायों पर चर्चा हुई.

बैठक में 15 अप्रैल तक राजनयिक, सरकारी, संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं, एम्प्लॉयमेंट और प्रोजेक्ट वीज़ा को छोड़कर सभी अन्य प्रकार के वीज़ा 15 अप्रैल तक नहीं दिए जाने का फ़ैसला किया गया है.

साथ ही ओसीआई कार्डधारकों (प्रवासी भारतीय नगरिकों) को दी जाने वाली वीज़ा मुक्त यात्रा की सुविधा पर भी 15 अप्रैल 2020 तक के लिए रोक लगा दी गई है.

ये रोक सभी हवाई अड्डो और बंगरगाहों पर 13 मार्च 2020 की मध्यरात्रि से ही लागू हो जाएगी.

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सरकार का कहना है कि भारत आने की इच्छा रखने वालों को अब सीधे अपने देश में मौजूद भारतीय दूतावास से संपर्क करना होगा.

सरकार ने कहा 15 फरवरी के बाद चीन, इटली, ईरान, कोरिया, फ्रांस, स्पेन और जर्मनी से भारत आए सभी यात्रियों को कम से कम 14 दिनों के क्वारंटाइन में रखा जाएगा. इसमें वो भारतीय नागरिक भी शामिल होंगे जो इन देशों में घूमने गए थे.

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साथ ही सरकार ने सभी को हिदायत दी है कि बेहद ज़रूरी न होने पर वो भारत न आएं. सरकार का कहना है कि भारत आने पर उन्हें कम से कम 14 दिनों के क्वारंटाइन में रखा जा सकता है.

भारतीय नागरिकों से कहा गया है कि ज़रूरी न होने पर वो विदेश न जाएं, उन्हें देश लौटने पर कम से कम दो सप्ताह के क्वारंटाइन में रखा जा सकता है.

वहीं सरकार से स्पष्ट किया है कि छात्रों और ज़रूरी काम से बाहर जाने वालों की जल्द जांच की जाएगी और उन्हें संक्रमण न होने की सूरत में विदेश जाने दिया जाएगा, लेकिन लौटने पर उन्हें क्वारंटाइन में रखा जा सकता है.

सरकार ने कहा है कि सड़क के रास्ते देश में आने जाने वालों की जांच के लिए के लिए सीमा पर चेक पोस्ट पर स्वास्थ्य जांच की उचित व्यवस्था की जाएगी. इसके बारे में गृह मंत्रालय बाद में जानकारी देगा.

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विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना को महामारी घोषित किया

बुधवार देर शाम विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया है.

संगठन के महानिदेशक टेड्रॉस एडहैनोम गीब्रेयसूस ने कहा है कि "कोरोना वायरस के जैसी महामारी आज से पहले हमने नहीं देखी. साथ ही हम ये भी कहना चाहते हैं कि आज से पहले हमने इस जैसी महामारी नहीं देखी जिसके क़ाबू में किया जा सके."

गीब्रेयसूस ने कहा है कि अब तक दुनिया के 114 देशों में कोरोना वायरस के संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं जिनमें से 90 फीसदी मामले मात्र चार देशों में हैं जिनमें चीन और कोरिया शामिल हैं.

दुनिया भर में अब तक कोरोना वायरस के 118,000 से अधिक मामलों की पुष्टि हुई है और 4,291 लोगों की मौत हुई है.

संगठन का कहना है कि अगर सरकारें अपने नागरिकों में इस संक्रमण की जांच करें, उन्हें दूसरों से अलग करें, उनका इलाज करें और लोगों को इसके बारे में बताएं को काफी हद कर इसके फैसले की गति पर काबू पाया जा सकता है.

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भारत में कोरोना वायरस के मामले

भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता संजीव कुमार के अनुसार अब तक देश में कोरोना वायरस कोविड 19 के संक्रमण के 60 मामलों की पुष्टि हुई है.

10 मार्च तक कोरोना वायरस के 50 मामले दर्ज किए गए थे. नए मामलों में 8 मामले केरल से हैं जबकि एक दिल्ली और एक राजस्थान से है.

20 जनवरी 2020 को चीनी प्रीमियर ली केकियांग ने नावेल कोरोनावायरस के कारण फैलने वाली निमोनिया महामारी को रोकने और नियंत्रित करने के लिए निर्णायक और प्रभावी प्रयास करने का आग्रह किया।[7] 14 मार्च 2020 तक दुनिया में इससे 5,800 मौतें हो चुकी हैं।[8][9][10] इस वायरस के पूरे चीन में, और मानव-से-मानव संचरण के प्रमाण हैं।[11] 9 फरवरी तक व्यापक परीक्षण में 88,000 से अधिक पुष्ट मामलों का खुलासा हुआ था,[10] जिनमें से कुछ स्वास्थ्यकर्मी भी हैं। [12] [13] 20 मार्च 2020 तक थाईलैंड, दक्षिण कोरिया, जापान, ताइवान, मकाऊ, हांगकांग, संयुक्त राज्य अमेरिका, सिंगापुर,[14] वियतनाम, भारत, ईरान, इराक, इटली, कतर, दुबई, कुवैत और अन्य 160 देशों में पुष्टि के मामले सामने आए हैं।[15]

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प्रसंग-

"अज्ञात कारण के निमोनिया" के साथ मामलों के उद्घाटन क्लस्टर के रूप में एक थोक पशु और मछली बाजार से जुड़ा हुआ था, जिसमें मुर्गियों, तीतरों, चमगादड़ों, मर्मोट्स, विषैले सांपों, चित्तीदार हिरणों और खरगोशों जो अंगों और अन्य जंगली जानवरों (तु वीई), यानी बस्मेट, के एक हजार स्टॉल थे। तात्कालिक परिकल्पना यह थी कि यह एक पशु स्रोत (एक ज़ूनोसिस]) से आया हुआ नावेल कोरोनवायरस था।[4] [38][39][40]

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