Hindi, asked by teenaaggarwal2103, 2 months ago

कोरोना योद्धा पर पत्र लेखन। 700-1000 शब्द​

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Answered by shreyash7121
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जागरण संवाददाता, रांची- तुपुदाना :: कोरोना के कारण राज्य में भय का माहौल है। लोग अपने घरों में परिवार और समाज की सुरक्षा के लिए लॉकडाउन का पालन करते हुए बंद हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे हैं जो हमारी सुविधा और सुरक्षा के लिए जान हथेली पर लेकर निकल रहे हैं। कोरोना के खिलाफ जंग में बैंक के कर्मियों की भी भूमिका कम नहीं है। ऐसे वक्त में जब लोगों को पैसे की जरूरत है, बैंक कर्मचारी बिना अपनी जान की परवाह किए लोगों की सेवा में लगे हुए है। प्रतिदिन बैंकों में सैकड़ों लोग अपना पेंशन, वेतन या अन्य किसी जरूरी काम के लिए आते हैं। ऐसे में बैंक में उनके सैनिटाइजेशन का पूरा ख्याल रखा जाता है।

राज्य बैंकिग एसोसिएशन के द्वारा हर बैंक में कर्मचारियों के बचाव के लिए स्पेशल व्यवस्था की गई है। बैंक में आने वाले ग्राहकों के साथ में शारीरिक दूरी का ध्यान रखा जाता है। इसके साथ ही ग्राहकों को कर्मचारी के बीच उचित दूरी के लिए टेबल के सामने रस्सी बांधी गई है। इसके साथ ही बैंक में घुसते ही ग्राहक के हाथ सैनिटाइज कराए जाते हैं। इसके बाद उसे बैंक में पर्ची आदि भरने की इजाजत दी जाती है। इसके साथ ही अगर किसी ग्राहक की तबीयत खराब हो तो उसे बैंक में आने की मनाही भी है। प्रतिक्रिया--------

देश के लिए ये मुश्किल वक्त है। ऐसे में हम भी अपने तरीके से देश की सेवा कर रहे हैं। इस वक्त सभी लोगों के काम धंधे बंद है। ऐसे में लोग अपने जमा पुंजी में से निकालकर खर्च कर रहे हैं। हमारी ड्यूटी है कि हम लोगों की मदद करें।

सबन आईंद, वरीय प्रबंधक कोरोना से लड़ने में हमारी सीधे भुमिका भले नजर नहीं आती हो मगर इस मुश्किल वक्त में हम लोगों की सेवा के लिए बैंक आते हैं। हर रोज आते वक्त डर लगता है। मगर हम मुश्किल वक्त में अपने राज्य को कैसे छोड़ सकते हैं।

सुमन करकेट्टा, बैंक अधिकारी बैक के लिए निकलने से पहले अपने घर के लोगों को समझाकर आती हूं। संक्रमण का खतरा रहता है। बैंक में कई तरह के लोग आते हैं। घर जाकर नहाती हूं। फिर परिवार के लोगों के पास जाती हूं। हमारे लिए भी ये काफी मुश्किल वक्त है।

सरोजा धान, बैंक कर्मचारी।

Answered By =shreyash. ....

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