Chemistry, asked by goluduboliya, 7 months ago

क्रिस्टल क्षेत्र स्थायी
करण ऊर्जा
का वर्णन कीजिए​

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Answered by decormsden2653
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Answered by VaibhavSR
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उत्तर– क्रिस्टल क्षेत्र स्थायीकरण ऊर्जा

Explanation:

उत्तर– क्रिस्टल क्षेत्र स्थायीकरण ऊर्जा– लिगैण्ड एक बिन्दु आवेश के रूप में धातु आयन की ओर आकर्षित होकर स्थिर आकर्षण बल द्वारा बंध जाते हैं, d-कक्षक लिगैण्ड की उपस्थिति में विपाटित हो जाते हैं, जिसमें e— का वितरण हुण्ड के नियम से होता है, इस प्रक्रिया में मुक्त ऊर्जा ‘‘क्रिस्टल क्षेत्र स्थायीकरण ऊर्जा' कहलाती है।

उत्तर– उभय दन्तुक लिगैण्ड– उभयदन्तुक लिगैण्ड वह एक दन्तुक लिगैण्ड है, जो दो परमाणुओं में से किसी एक परमाणु का धातु के साथ उपसहसंयोजन बंध बनाने से बनते हैं, जैसे— SCN इसमें N के माध्यम से उपसहसंयोजी बंध बनाते हुए [CO(NCS)4]-2 संकुल बनाता। है व S के माध्यम बंध बनाते हुए [Pd(SCN)4]-2 संकुल बनता है।

उत्तर– कॉपर की अधिक मात्रा के कारण हाइपर कॉपर एमिया या विल्सन डिसीज होती है, इस रोग के उपचार हेतु जिंक युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। अन्य तांबे विरोधी तत्त्व-Mo, S, Mn आदि की मात्रा बढ़ाना चाहिए। जिंक कॉपर की अधिक मात्रा को शरीर से बाहर निकाल देता है कॉपर युक्त भोज्य पदार्थ व बर्तनों का उपयोग नहीं करना चाहिए।

#SPJ3

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