"क्रोध अंधा होता है और इससे बनते काम भी बिगड़ जाते हैं।" इस कथन के विपक्ष में पाँच र्तक दीजिए। please answer it in विपक्ष
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8 minutes ago — इस कथन के विपक्ष में पाँच र्तक दीजिए। ... है और इससे बनते काम भी बिगड़ जाते हैं।
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"क्रोध अंधा होता है और इससे बनते काम भी ...
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इस कथन के पक्ष और विपक्ष में ... होता है और इससे बनते काम भी बिगड़ जाते हैं।" इस ...
क्रोध क्या है ?
→ एक बार, द्रोणाचार्य को कुछ कार्य के लिए गुरुकुल से कहीं बाहर जाना था। जाने से पहले, उन्होंने सभी राजकुमारों को कहा कि उनके आने तक सभी को अत्यधिक पाठ पढ़कर रखने होंगे।
→ लगभग १० दिनों के बाद, जब द्रोणाचार्य गुरुकुल वापस लौटे, उन्होंने सबको एकत्र होने का आदेश दिया। फिर, बारी बारी से वे सबसे पूछने लगें की उन्होंने कितने पाठ याद किए हैं।
→ जब युधिष्ठिर की बारी आई, तब उन्होंने जवाब दिया कि उन्होंने एक ही पाठ याद किया है। यह सुनकर द्रोणाचार्य ही नहीं बल्कि अन्य राजकुमार भी आश्चर्यचकित हो गए। द्रोणाचार्य ने युधिष्ठिर से पूछा कि १० दिन बहुत ही ज़्यादा समय होता है और इस अवधि में क्या युधिष्ठिर ने केवल एक ही पाठ याद किया था।
→ जब युधिष्ठिर ने हां मैं जवाब दिया तब द्रोणाचार्य को क्रोध आ गया और उन्होंने युधिष्ठिर को एक थप्पड़ जड़ दिया। लेकिन तब भी युधिष्ठिर ने अपना संयम नहीं खोया। युधिष्ठिर के इस शांत स्वभाव को देखकर, द्रोणाचार्य पिघल गए।
→ उन्होंने युधिष्ठिर से पूछा कि ऐसा कौनसा एक पाठ था, जिसे सीखने के लिए युधिष्ठिर को १० दिन लग गए? तब युधिष्ठिर ने शांत स्वर में कहा, "कभी क्रोधित नहीं होना चाहिए।"
→ हमारी ज़िंदगी में कई ऐसे क्षण आते हैं जब परिस्तिथि हमारे पक्ष में नहीं होती। उस समय, हमें धैर्य और समझ से काम लेना पड़ता है। क्रोध एक ऐसी भावना है जो हमें नहीं बल्कि हमारे अहम को आती है जब परिस्तिथि हमारे पक्ष में नहीं होती या गतिविधि हमारे अनुसार नहीं होती।
→ क्रोध हमारे अहम की वह अस्वीकृति है जो मानने को तैयार नहीं होती है कि जिंदगी में सबकुछ हमारे अनुसार नहीं होता है। और परिस्थिति या किसी भी व्यक्ति को हमारी ओर झुकाने के लिए विनम्रता और धैर्य दोनों ही आवश्यक हैं।