क्रोध दुख के चेतन कारण के साक्षात्कार या अनुमान से उत्पन्न होता है। साक्षात्कार के समय
दुख और उसके कारण के संबंध का परिज्ञान आवश्यक है। तीन चार महीने के बच्चे को कोई
हाथ उठाकर मार दे, तो उसने हाथ उठाते तो देखा है पर अपनी पीड़ा और उस हाथ उठाने
से क्या संबंध है, यह वह नहीं जानता अतः वह केवल रोकर अपना दुख मात्र प्रकट कर देता
है।
। दुख के कारण की स्पष्ट धारणा के बिना क्रोध का उदय नहीं होता।
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इनटू इनडायरेक्ट नरेशनकैन यू आंसर दिस क्वेश्चन द टीचर रास्ते हर सेकंड द डॉक्टर आफ योर पेशेंस यू स्लीप वेल लास्ट नाइट सेट तू श्याम विल यू हेल्प मी रामइनटू इनडायरेक्ट नरेशनकैन यू आंसर दिस क्वेश्चन द टीचर रास्ते हर सेकंड द डॉक्टर आफ योर पेशेंस यू स्लीप वेल लास्ट नाइट सेट तू श्याम विल यू हेल्प मी राम
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